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रायगढ़ : सीएसआर में खर्च हो गए 273 करोड़, विकास का नहीं दिख रहा नामोनिशान…

रायगढ़: पिछले साल रायगढ़ जिले में सीएसआर से 273 करोड़ खर्च हो चुके हैं. किसी को इसकी जानकारी नहीं है. जिले की सड़कों को, गांवों को, औद्योगिक क्षेत्रों की स्थिति देखने पर इतने करोड़ के काम दिखते ही नहीं हैं.  लेकिन यह सच है जिसे देश की लोकसभा में प्रस्तुत किया गया है. सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने उद्योगों द्वारा कारपोरेट सोशल रिस्पॉन्सबिलिटी के तहत किए गए खर्च पर सवाल किया था.  उन्होंने पूछा था कि पिछले पांच वर्षों में सार्वजनिक उपक्रमों और निजी कंपनियों द्वारा छत्तीसगढ़ और ओडिशा में कितनी राशि खर्च की गई है.

 

उन्होंने 2018-2023 के बीच जिलेवार खर्च की गई राशि की जानकारी मांगी थी। सीएसआर निधि के खर्च की समीक्षा के लिए क्या नीति बनाई गई है? इस पर कारपोरेट कार्य मंत्रालय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने जवाब में पूरी जानकारी दी. जवाब में बताया गया कि छग में सार्वजनिक उपक्रमों की ओर से 18-19, 19-20, 20-21, 21-22 और 22-23 में कुल 704.52 करोड़ रुपए व्यय किए गए हैं. वहीं गैर सरकारी उपक्रमों ने 941.55 करोड़ रुपए खर्च किए हैं. जिलेवार आंकड़े देखने पर बेहद चौंकाने वाली जानकारी मिली है.

 

बताया गया है कि रायगढ़ जिले में वर्ष 18-19 में 1.18 करोड़, 19-20 में 5.35 करोड़, 20-21 में 6.19 करोड़, 21-22 में 21.05 करोड़ और 22-23 में 273.34 करोड़ राशि व्यय की गई है. मतलब रायगढ़ जिले में पिछले साल 273 करोड़ के काम केवल सीएसआर से हो चुके हैं या चल रहे हैं. सीएसआर के तहत वही काम किए जाते हैं जिसका अनुमोदन स्थानीय स्तर पर होता हो. उद्योग मनमाने तरीके से इस राशि को खर्च करते हैं। इसकी कोई समीक्षा ही नहीं करता. उद्योग एक तरह का स्कैम कर रहे हैं. किसी को जानकारी दिए बगैर मनमाने कामों में रकम खर्च दिखाई जाती है. हकीकत में उद्योग प्रभावित क्षेत्र अभी भी बुनियादी और मुलभुत सुविधाओं से वंचित हैं.

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