छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले से बड़ी खबर सामने आई है। बिलासपुर एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (एनटीपीसी) रायगढ़ के उप महाप्रबंधक (डीजीएम) विजय दुबे को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। जानकारी के अनुसार, विजय दुबे जमीन अधिग्रहण और मुआवजा दिलाने के नाम पर पांच लाख रुपये की मांग कर रहे थे।
शिकायतकर्ता ने बताया कि आरोपी अधिकारी पहले ही 50 हजार रुपये ले चुका था और बाकी रकम की डिलीवरी तय थी। इसी आधार पर एसीबी ने जाल बिछाया और मंगलवार को विजय दुबे को चार लाख पचास हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया। गिरफ्तारी तमनार थाना क्षेत्र में हुई, जहां लेन-देन की डील तय की गई थी।
एसीबी अधिकारियों ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद मामले की जांच की गई। प्राथमिक साक्ष्य पुख्ता मिलने पर टीम ने ट्रैप ऑपरेशन की तैयारी की। जैसे ही आरोपी ने रिश्वत की रकम स्वीकार की, उसे तुरंत धर दबोचा गया। मौके से नकदी भी जब्त की गई है।
रिश्वतखोरी के इस मामले ने एनटीपीसी जैसी बड़ी और सरकारी महत्व की कंपनी की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जमीन अधिग्रहण और मुआवजा प्रक्रिया पहले ही संवेदनशील विषय रही है। इस बीच किसी वरिष्ठ अधिकारी का भ्रष्टाचार में पकड़ा जाना ग्रामीणों और किसानों के विश्वास को और कमजोर कर सकता है।
एसीबी ने आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। आगे की जांच में यह भी पता लगाया जाएगा कि क्या इस प्रकरण में अन्य अधिकारी या कर्मचारी भी शामिल हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जमीन अधिग्रहण के मामलों में किसानों को अक्सर मुआवजे के लिए अधिकारियों की मनमानी और भ्रष्टाचार का सामना करना पड़ता है। इस गिरफ्तारी से उम्मीद जताई जा रही है कि ऐसे मामलों पर नकेल कसी जाएगी और किसानों को उनका हक मिलने में आसानी होगी।
एसीबी की इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी सफलता माना जा रहा है। अब देखना होगा कि इस मामले में आगे और कितने खुलासे होते हैं और दोषियों पर क्या कार्रवाई की जाती है।