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रेलवे चीफ इंजीनियर के भाई को हाईकोर्ट से राहत नहीं, अंतरिम जमानत बढ़ाने की अर्जी खारिज

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के चीफ इंजीनियर विशाल आनंद के भाई कुणाल आनंद को अंतरिम जमानत बढ़ाने से इनकार कर दिया है। अदालत ने उनकी जमानत अर्जी भी खारिज कर दी। कुणाल ने अपने 13 वर्षीय बेटे के ब्लड कैंसर के इलाज के लिए जमानत मांगी थी। पहले उन्हें एक माह की सशर्त अंतरिम जमानत मिली थी, लेकिन अवधि खत्म होने के बाद बढ़ाने की अर्जी दी गई थी।

बता दें कि सीबीआई ने चीफ इंजीनियर विशाल आनंद और उनके भाई कुणाल को 32 लाख रुपए रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया था। आरोप है कि विशाल आनंद ने झाझरिया कंस्ट्रक्शन लिमिटेड को ठेका दिलाने के लिए रिश्वत मांगी थी। इसके बाद सीबीआई की टीम ने रांची में छापा मारकर दोनों भाइयों को पकड़ लिया। जांच में सामने आया कि कंपनी के कर्मचारी मनोज पाठक रिश्वत की रकम लेकर कुणाल को देने जा रहा था, तभी सीबीआई ने कार्रवाई की।

इस मामले में सीबीआई ने विशाल आनंद, उनके भाई कुणाल आनंद, झाझरिया कंस्ट्रक्शन के एमडी सुशील झाझरिया और कंपनी कर्मचारी मनोज पाठक को गिरफ्तार किया था। कुणाल ने बेटे की गंभीर बीमारी का हवाला देकर अदालत से राहत मांगी थी। उसने मेडिकल रिपोर्ट भी पेश की, जिस पर कोर्ट ने उसे पहले एक महीने की अंतरिम जमानत दी थी। शर्त के मुताबिक अवधि पूरी होने के बाद उसे ट्रायल कोर्ट में सरेंडर करना था।

हालांकि, जमानत अवधि पूरी होने के बाद कुणाल ने फिर से हाईकोर्ट में समय बढ़ाने की अर्जी लगाई। शुक्रवार को इस पर सुनवाई हुई, लेकिन न तो याचिकाकर्ता और न ही अभियोजन पक्ष से कोई पेश हुआ। इस वजह से चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की बेंच ने याचिका को खारिज कर दिया।

अब कुणाल को दोबारा जेल जाना होगा। मामला प्रदेशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि इसमें रेलवे के बड़े अधिकारी और ठेकेदारी से जुड़ा रिश्वतकांड शामिल है।

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