32 लाख रिश्वत लेते रेलवे अफसर पकड़ाया:बिलासपुर में करोड़ों का ठेका दिलाने चीफ इंजीनियर ने मांगे पैसे; झाझरिया कंपनी के MD समेत 4 गिरफ्तार

बिलासपुर में 32 लाख की रिश्वत लेते एक रेलवे अधिकारी पकड़ाया है। चीफ इंजीनियर विशाल आनंद ने रेलवे में करोड़ों रुपए का ठेका दिलाने के एवज में झाझरिया कंपनी से 32 लाख की डिमांड की और पैसे लेने अपने भाई को रांची भेजा।

Advertisement

शिकायत के बाद CBI ने कार्रवाई की और विशाल आनंद समेत उसके भाई, रिश्वत देने वाला कंपनी का कर्मचारी और कंपनी के MD को गिरफ्तार कर लिया है। टीम ने नगद भी बरामद कर लिया है।

जिस प्राइवेट कंपनी से यह रिश्वत ली गई, वह दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में कई बड़े निर्माण कार्य कर रही थी। इनमें रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी), अंडरब्रिज (आरयूबी), ट्रैक लाइनिंग, क्षमता वृद्धि के काम और छोटे-बड़े पुलों का निर्माण शामिल है।

बताया जा रहा है कि यह निर्माण कंपनी छत्तीसगढ़ के साथ ही मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र सहित दूसरे राज्यों में भी रेलवे में ठेका का काम करती है।

एक हजार करोड़ रुपए से अधिक का ठेका

दरअसल, CBI को शिकायत मिली कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में एक हजार करोड़ रुपए से अधिक का काम चल रहा है। जिसमें रेलवे टेंडर जारी कर ठेके के माध्यम से काम करा रहा है। इसका ठेका दिलाने के लिए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार चल रहा है। इसमें रेल अफसरों के साथ ठेकेदार की सांठ-गांठ चल रही है।

साथ ही चहेते ठेकेदारों को नियमों को दरकिनार कर काम दिए जा रहे हैं। इस पर CBI ने ऐसे ठेकेदारों की जानकारी जुटाई, जिसके बाद भ्रष्टाचार करने वालों को पकड़ने की योजना बनाई गई।

CBI ने विशाल आनंद और उसके भाई कुणाल आनंद के साथ ही झांझरिया निर्माण लिमिटेड कंपनी के कर्मचारी मनोज पाठक को पकड़ कर छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में छापेमारी की। जांच में नकद और कई आपत्तिजनक दस्तावेज मिलने का दावा किया गया है।

रिश्वत की रकम रांची पहुंचाने रखी शर्त

CBI की जांच में सामने आया कि 21 अप्रैल को चीफ इंजीनियर विशाल आनंद ने कंपनी के एमडी सुशील झाझरिया से मुलाकात की। चीफ इंजीनियर ने कंपनी को रेलवे के कॉन्ट्रैक्ट दिलाने ​के लिए 32 लाख रुपए रिश्वत की मांग की।

चीफ इंजीनियर ने रिश्वत की रकम को उन्होंने सीधे लेने की बजाय रांची में अपने भाई कुणाल आनंद को देने को कहा। कंपनी के एमडी सुशील झाझरिया इसके लिए तैयार हो गए।

32 लाख रिश्वत लेते पकड़ाया चीफ इंजीनियर का भाई

सुशील झाझरिया ने अपने कर्मचारी मनोज पाठक को रिश्वत की राशि लेकर रांची भेजा। जैसे ही मनोज पाठक ने 32 लाख रुपए चीफ इंजीनियर विशाल आनंद के भाई कुणाल आनंद को दिए, CBI की टीम ने रंगे हाथों पकड़ लिया।

बरामद की गई राशि चीफ इंजीनियर के भाई के कब्जे से मिली है। जिसके बाद CBI की टीम ने दोनों को पकड़ लिया। जिसके बाद टीम ने छापेमारी कर चीफ इंजीनियर को भी पकड़ लिया।

वहीं, ठेका कंपनी के ठिकानों में भी दबिश दी और सुशील झाझरिया को भी गिरफ्तार कर लिया। CBI के अनुसार रांची और बिलासपुर में छापेमारी के दौरान नकद पैसों के साथ ही आपत्तिजनक दस्तावेज वगैरह बरामद किए गए हैं। अभी इस मामले की जांच जारी है।

बिलासपुर में कंपनी के दफ्तर पर छापा

इस मामले में आगे की कार्रवाई करते हुए CBI की 8 से 10 सदस्यीय टीम ने झाझरिया निर्माण लिमिटेड के बिलासपुर स्थित कार्यालय में छापा मारा। टीम ने कंपनी के दस्तावेज, फाइलें और डिजिटल डेटा की गहन तलाशी ली। कई अहम दस्तावेज जब्त किए गए हैं और अधिकारियों से भी पूछताछ की जा रही है।

अफसर के दफ्तर में भी पहुंची CBI

शुक्रवार को रिश्वतखोरी का भंडाफोड़ होने के बाद CBI की टीम झाझरिया निर्माण लिमिटेड के ऑफिस पहुंचने के पहले रेलवे के चीफ इंजीनियर के ऑफिस में भी छापेमारी की। इस दौरान ऑफिस से ठेका कंपनी से संबंधित दस्तावेजों को जब्त किया गया है। CBI की छापेमारी की खबर मिलते ही रेलवे अफसरों में हड़कंप मच गया।

 

Advertisements