रेलवे विजिलेंस फेल, प्रमोशन घोटाले में अफसरों की मिलीभगत पर उठे सवाल

चंदौली : डीडीयू रेल मंडल में प्रमोशन परीक्षा में भ्रष्टाचार का मामला सामने आने के बाद रेलवे की छवि को गहरा धक्का लगा है. इस घटना ने पूर्व मध्य रेलवे विजिलेंस विभाग की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. आरोप है कि प्रमोशन परीक्षा का पेपर लीक कर अधिकारियों और कर्मचारियों ने लाखों रुपये की डील कर भ्रष्टाचार का खेल रचा, लेकिन विजिलेंस विभाग को इसकी भनक तक नहीं लगी.

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डीडीयू रेल मंडल में लोको पायलट से चीफ लोको पायलट इंस्पेक्टर पद पर प्रमोशन के लिए 4 मार्च को परीक्षा होनी थी। 17 पदों के लिए आयोजित इस परीक्षा में सुचिता की धज्जियां उड़ाते हुए अधिकारियों और कर्मचारियों ने 6 से 9 लाख रुपये लेकर पेपर लीक कर दिया. यही नहीं, अभ्यर्थियों को पहले से ही हल कराए गए उत्तर भी उपलब्ध कराए जा रहे थे.

हालांकि, परीक्षा से ठीक एक दिन पहले सीबीआई ने छापेमारी कर इस रैकेट का पर्दाफाश किया. छापेमारी में 26 लोगों को गिरफ्तार किया गया और उनके घरों से 1.17 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए. इस घोटाले ने रेलवे की प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.

इस प्रकरण में विजिलेंस विभाग की निष्क्रियता पर सवाल उठ रहे हैं। प्रमोशन जैसी महत्वपूर्ण परीक्षा में भ्रष्टाचार हो रहा था, लेकिन विजिलेंस ने निगरानी नहीं रखी. सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या विजिलेंस अधिकारियों ने जानबूझकर इस मामले में कार्रवाई से परहेज किया.

रेलवे सूत्रों के अनुसार, इस घोटाले में डीडीयू रेल मंडल के कई वरिष्ठ अधिकारियों की संलिप्तता के चलते पूर्व मध्य रेलवे विजिलेंस विभाग के कई अधिकारियों के तबादले की संभावना जताई जा रही है.

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