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दादर स्टेशन के पास हनुमान मंदिर को तोड़ने के आदेश पर रेलवे ने लगाई रोक

मुंबई के दादर स्टेशन के पास हनुमान मंदिर को तोड़ने वाले आदेश पर रेलवे ने रोक लगा दी है. शुक्रवार को उद्धव ठाकरे ने पत्रकार परिषद के सामने इस मुद्दे को उठाया था. शनिवार को आदित्य ठाकरे इस मंदिर में जाकर पूजा करने वाले थे. जिसके बाद भाजपा नेताओं का भी इस मंदिर में जाने के लिए होड़ लग गई. फिलहाल मंदिर को तोड़ने के फैसले पर रेलवे ने रोक लगा दी है. वहीं, हनुमान मंदिर में बीजेपी नेता मंगल प्रभात लोढ़ा ने आरती किया.

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एक दिन पहले ही शिवसेना (UBT) प्रमुख और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रेलवे द्वारा दादर स्टेशन के बाहर बने हनुमान मंदिर को अतिक्रमण करार देकर हटाने के नोटिस को लेकर BJP पर जमकर निशाना साधा था. उद्धव ने इसे 80 साल पुराने मंदिर को गिराने का ‘फतवा’ बताते हुए कहा, ‘ये कौन सा हिंदुत्व है? BJP के शासन में अब मंदिर भी सुरक्षित नहीं हैं. केंद्र और राज्य सरकार इस मामले में निष्क्रिय हैं.’

क्या है मामला?
रेलवे ने 4 दिसंबर को मंदिर के ट्रस्टी और पुजारी को नोटिस जारी कर इसे ‘अतिक्रमण’ बताया. रेलवे के अनुसार, यह मंदिर उनकी जमीन पर बिना अनुमति के बनाया गया है. नोटिस में कहा गया कि यह संरचना यात्रियों और वाहनों की आवाजाही में बाधा डाल रही है और दादर स्टेशन पर बुनियादी ढांचे के काम में भी रुकावट पैदा कर रही है. रेलवे ने मंदिर को हटाने के लिए सात दिन का समय दिया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

उद्धव का BJP पर हमला
उद्धव ठाकरे ने BJP के ‘एक हैं तो सेफ हैं’ नारे पर तंज कसते हुए कहा, ‘वे 80 साल पुराने मंदिर को गिराने की कोशिश कर रहे हैं. ये किस प्रकार का हिंदुत्व है?’ शिवसेना UBT नेता आदित्य ठाकरे ने X (पूर्व में Twitter) पर लिखा, ‘ऐसा लगता है कि BJP हिंदुओं का इस्तेमाल केवल चुनावों के लिए करती है.’

उन्होंने कहा, ‘मुंबई में 80 साल पुराने हनुमान मंदिर को BJP सरकार के @RailMinIndia (Ministry of Railways) ने तोड़ने का नोटिस दिया है. न तो बांग्लादेश में हिंदू सुरक्षित हैं और न ही महाराष्ट्र में मंदिर, क्योंकि BJP सरकार उन्हें गिराने के लिए नोटिस भेजती है.’ उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे ने इस मुद्दे को लेकर BJP पर हमला करते हुए सवाल उठाया है कि क्या हिंदुत्व का मतलब केवल मंदिर गिराना है?

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