छत्तीसगढ़ में इस साल मानसून की विदाई एक सप्ताह देर से होगी और 20 अक्टूबर तक बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, पिछले पांच वर्षों में मानसून आमतौर पर 12 अक्टूबर के आसपास प्रदेश से विदा हो जाता रहा है, लेकिन इस बार लंबी बारिश से धान की फसलों को राहत मिलेगी। किसानों के लिए यह बारिश लाभकारी मानी जा रही है, क्योंकि खेतों में नमी बनी रहेगी और फसल अच्छी तरह पक सकेगी। हालांकि लगातार वर्षा से कटाई में देरी हो सकती है।
रायपुर शहर में बुधवार को रुक-रुककर हल्की बारिश हुई। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि 15 अक्टूबर से नार्थ-ईस्ट मानसून सक्रिय होगा और उसके बाद धीरे-धीरे दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी होगी। इस कारण मौसम का मिजाज बदलता रहेगा और बारिश का सिलसिला जारी रहेगा।
इस साल मानसून छत्तीसगढ़ में 28 मई को बस्तर से समय से पहले आया था। पूरे देश में अब बारिश का अंतिम दौर चल रहा है। प्रदेश के मौसम विज्ञानियों के अनुसार, अक्टूबर के पहले और दूसरे सप्ताह में कई जिलों में अच्छी बारिश हो सकती है। इससे किसानों को फसलों की पैदावार में लाभ मिलेगा और खेतों में नमी बनी रहेगी।
पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी पर बना निम्न दबाव क्षेत्र सक्रिय है। इसके कारण अगले 12 घंटे में दो अक्टूबर को प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश और दक्षिण छत्तीसगढ़ में कहीं-कहीं भारी बारिश और वज्रपात की संभावना है। तीन अक्टूबर को दक्षिण अंचल में भारी से अति भारी बारिश से फसलों को नुकसान होने का खतरा है। चार अक्टूबर को मध्य भाग में कहीं-कहीं भारी बारिश होने की संभावना है।
विशेषज्ञों ने किसानों से सलाह दी है कि वे फसलों की कटाई के लिए मौसम का ध्यान रखते हुए योजना बनाएं और जरूरत पड़ने पर फसलों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाएं। इस बार बारिश की बढ़ी हुई अवधि और लगातार बदलते मौसम ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है, लेकिन फसलों की पैदावार के लिहाज से यह राहत भरी खबर भी है।
छत्तीसगढ़ में लंबी बारिश का यह सिलसिला न केवल फसलों के लिए फायदेमंद है, बल्कि पानी की कमी वाले इलाकों में भी जल स्तर को बनाए रखने में मदद करेगा। आगामी हफ्तों में मौसम की अपडेट लगातार जारी रहेगी।