रायपुर। छत्तीसगढ़ के कई जिलों में गुरुवार को अचानक बदले मौसम ने कोहराम मचा दिया। आंधी-तूफान के साथ हुई बारिश से बेमेतरा में दीवार गिरने से दो लोगों की मौत हो गई थी और चार लोग घायल हो गए थे। इधर मौसम विभाग( Chhattisgarh Weather Update) ने आज फिर से सरगुजा, महासमुंद, गरियाबंद, धमतरी, कांकेर, नारायणपुर, कोण्डागांव, बस्तर और दंतेवाड़ा जिलों में आंधी-तूफान की चेतावनी दी है। 40-50 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि के भी आसार हैं।
93 किलोमीटर की गति से रायपुर में तूफान
दुर्ग-भिलाई सहित कई शहरों में गुरुवार शाम सवा चार बजे से शुरू हुए तूफान ने जमकर कहर बरपाया। 93 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली हवा ने राज्य के कई जिलों में जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया। राजधानी रायपुर में हजारों लोग तूफान के दौरान सड़कों पर फंसे रहे।
सिमगा टोल प्लाजा हुआ तहस-नहस
बलौदाबाजार जिले में तरपोंगी सिमगा टोल प्लाजा को तहस-नहस(Chhattisgarh weather alert) कर दिया। रायपुर-बिलासपुर राष्ट्रीय राज्य मार्ग पर तरपोंगी के टोल प्लाजा के गिरने से यहां कार्यरत कर्मचारी और सैकड़ों यात्री बाल-बाल बचे। दुर्ग जिले में कुम्हारी व सरोना के बीच पटरी पर पेड़ गिरने से दुर्ग-रायपुर के बीच रेल यातायात दो घंटे तक बाधित रहा। इससे एक दर्जन ट्रेनें प्रभावित रहीं।
दो मजदूरों की मौत हुई
बेमेतरा जिले में राइस मिल में बोरियों के नीचे दबकर दो मजदूरों नंदकुमार निषाद, बिसवंतीन साहू की मौत हो गई। रायपुर में देवेंद्र नगर में नेताजी चौक का शेड गिर गया। मौसम विभाग के अनुसार रायपुर में दस साल बाद ऐसा तूफान आया है। इसके चलते रेल और विमान सेवा भी प्रभावित हुई।
काले बादल छाने लगे थे
रायपुर में गुरुवार दोपहर अधिकतम तापमान 38.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। शाम को बारिश के बाद पारा छह डिग्री तक गिर गया। इस बीच गुरुवार को शाम चार बजे से आसमान में काले बादल छाने लगी थे।
रायपुर में 12 किमी की ऊंचाई व 40 किमी की लंबाई तक फैले बादलों(Chhattisgarh districts rain alert) ने 40 मिनट तक शहर को अपने कब्जे में रखा। रायपुर जिले में 133 केवी लाइन पर पेड़ गिरने से संबंधित क्षेत्रों में बिजली चली गई। रायपुर, दुर्ग, महासमुंद, धमतरी आदि में बिजली गुल हो गई थी।
तूफान के चलते बेमेतरा जिले में ग्राम राखी जोबा स्थित सूरज राइस मिल की दीवार गिर गई। इससे मिल में रखी धान की बोरियों के नीचे गिरने से छह मजदूर दब गए थे। इनमें दो लोगों की मौत हो गई।