लोकसभा चुनाव के बीच छत्तीसगढ़ के नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत के बयान के बाद सियासी पारा चढ़ गया है. भाजपा इसके खिलाफ बुधवार को सड़क पर उतर आई. डिप्टी CM विजय शर्मा सहित तमाम भाजपाई रायपुर में महंत के बंगले के बाहर प्रदर्शन किया. कहा कि हम तो लाठी खाने के लिए आए हैं.
वहीं तमाम भाजपाई सिविल लाइन थाने के बाहर भी नारेबाजी कर FIR दर्ज करने की मांग कर रहे हैं. बयान के खिलाफ चुनाव आयोग में भी शिकायत की गई है और ‘मैं हूं मोदी का परिवार, पहले लाठी मुझे मारो’ पोस्टर भी जारी किया है
हंगामा बढ़ने पर महंत ने अपने बयान पर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि उनके बयान को तिल का ताड़ बना दिया गया. प्रधानमंत्री सम्मानित पद है. मैंने ऐसा कुछ कहा ही नहीं है, लोग पता नहीं क्यों कह रहे हैं. मैं तो कबीरपंथी हूं, मैं इस तरह की गलत बात तो कर ही नहीं सकता. मेरी बातों से बुरा लगा है तो मैं खेद व्यक्त करता हूं.
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बुधवार को ‘मैं हूं मोदी का परिवार, पहली लाठी मुझे मारो’ पोस्टर लॉन्च किया. उन्होंने कहा कि, हम जनता तक मुद्दे को ले जाना चाहते हैं. महंत ने सामूहिक रूप से हिंसा फैलाने के लिए प्रेरित किया है. इस तरीके का बयान अशोभनीय है. चुनाव आयोग से आग्रह है कि उन पर कार्रवाई होनी चाहिए. जब-जब ऐसे बयान आए हैं मोदी जी के लिए जनता का प्रेम बढ़ा ही है.
महंत के बयान को भाजपा ने अपने लिए हथियार बना लिया है. इसके खिलाफ मुहिम शुरू कर दी है. सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक प्रोटेस्ट हो रहा है. सोशल मीडिया पर ‘पहली_लाठी_मुझे_मारो’ को हैश टैग के साथ भाजपा के नेता और कार्यकर्ता पोस्ट कर रहे हैं.
दरअसल, राजनांदगांव में मंगलवार को भूपेश बघेल के नामांकन के दौरान महंत ने विरोधियों पर निशाना साधा था. जनसभा में महंत ने कहा था, हमें नरेंद्र मोदी का मूड़ (सिर) फोड़ने वाला आदमी चाहिए. रात-दिन तंग करके चीन भेजने वाला आदमी चाहिए. एक संरक्षक चाहिए, अच्छा लाठी धर कर मारने वाला.
वहीं उन्होंने उद्योगपतियों को लेकर कहा कि, नवीन जिंदल ने रायगढ़ और पूरी खदानों को लूट लिया. इन लोगों ने हम छत्तीसगढ़ियों की ऐसी की तैसी की है. हमने ही इन्हें सिर पर चढ़ाकर रखा था. हमें कहने में शर्म नहीं है कि ऐसे लोगों को तो हमें जूते मारने चाहिए.