मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राजधानी स्थित अपने निवास परिसर से देश के पहले हाइड्रोजन फ्यूल लॉजिस्टिक ट्रक को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. उन्होंने अपने हस्ताक्षर कर हाइड्रोजन ट्रक के चालक को चाबी सौंपी और इस अभिनव पहल के लिए सीएसपीजीसीएल और अदाणी नैचरल रिसोर्सेस को शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि यह पहल छत्तीसगढ़ और देश को हरित ऊर्जा की ओर अग्रसर करने वाला क्रांतिकारी कदम होगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ लगातार विकास कर रहा है और इसमें आज एक नया आयाम जुड़ा है. भारत के पहले हाइड्रोजन फ्यूलड लॉजिस्टिक ट्रक का शुभारंभ छत्तीसगढ़ में हो रहा है. उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने पर विशेष फोकस है और उन्होंने वर्ष 2070 तक भारत को शून्य कार्बन उत्सर्जन वाला देश बनाने का जो संकल्प लिया है, उसे पाने की दिशा में यह पहल महत्वपूर्ण है.
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— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
पर्यावरण संरक्षण और औद्योगिक विकास के बीच संतुलन साधने में भी यह कदम मददगार होगी. सीएम साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ खनिज संपदा समृद्ध प्रदेश है और इस ट्रक का उपयोग खनिज परिवहन में होने से कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश में पारंपरिक संसाधनों के साथ-साथ ग्रीन टेक्नोलॉजी और नवाचार को भी प्राथमिकता दी जा रही है. सीएम साय ने कहा कि विकास और पर्यावरण संरक्षण साथ-साथ संभव हैं और ऐसी पहल से हमारे संकल्प को और मजबूती मिलेगी.
इस मौके पर अदाणी एंटरप्राइजेज के नैचरल रिसोर्सेस के सीईओ डॉ. विनय प्रकाश ने भी अपने विचार साझा किए और इस पहल को खनन क्षेत्र में सतत विकास के लिए मील का पत्थर बताया. कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ राज्य बीज विकास निगम के अध्यक्ष चंद्रहास चंद्राकर, छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड के प्रबंध संचालक संजीव कटियार और अदाणी ग्रुप के प्रतिनिधि मौजूद रहे.
हाइड्रोजन ईंधन के उपयोग से ग्रीन एनर्जी को मिलेगा बढ़ावा
हाइड्रोजन प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला तत्व है और सबसे विशेष बात यह किसी भी प्रकार का हानिकारक उत्सर्जन नहीं करता है. हाइड्रोजन फ्यूल सेल से चलने वाले वाहन डीज़ल ट्रक जितनी दूरी और लोड उठाने की क्षमता रखते हैं. लेकिन धुएं के बजाए ये सिर्फ पानी की भांप और गर्म हवा उत्सर्जित करते हैं और आवाज़ भी बहुत कम करते हैं. चूंकि माइनिंग क्षेत्र में अधिकांश मशीनें मुख्य रूप से डीज़ल से ही चलती है, ऐसे में स्वच्छ ईंधनों को अपनाने से प्रदूषण और शोर को कम करने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही, यह कदम भारत की कच्चे तेल पर निर्भरता घटाने और कार्बन फुटप्रिंट कम करने में भी सहायक होगा. खास बात यह है कि अडानी नैचरल रिसोर्सेस एशिया की पहली कंपनी है, जिसने ‘डोज़र पुश सेमी ऑटोनॉमस तकनीक को अपनाया है, जिससे सुरक्षा और स्थिरता, दोनों को बढ़ावा मिल रहा है.
गौरतलब है कि भारतीय एवं अंतर्राष्ट्रीय तकनीकी साझेदारी से यह ट्रक तैयार किया गया है और इसमें ईंधन के तौर पर हाइड्रोजन का उपयोग होगा. इसके अंतर्गत माल परिवहन के लिए हाइड्रोजन फ्यूल सेल बैटरी से चलने वाले ट्रक विकसित किया जा रहा है. प्रत्येक ट्रक स्मार्ट तकनीक और तीन हाइड्रोजन टैंक से लैस होगा, जिसमें 200 किलोमीटर की दूरी तक 40 टन तक का माल ले जाने की क्षमता होगी. प्रदेश में हरित भविष्य को सुरक्षित करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड और अदाणी नैचरल रिसोर्सेस ने यह साझा प्रयास किया है. छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड द्वारा रायगढ़ जिले के गारे पेल्मा-3 कोल ब्लॉक से राज्य की विद्युत उत्पादन इकाई तक कोयला परिवहन में इसका उपयोग किया जाएगा.