रायपुर: कांग्रेस पार्षदों ने पायलट-बैज खारिज कर संदीप को चुना नेता-प्रतिपक्ष

रायपुर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष को सियासत जारी है। कांग्रेस के 8 पार्षदों में से 5 ने बगावत कर संदीप साहू को समर्थन दे दिया है। इससे आकाश तिवारी की कुर्सी छिन गई है। आकाश की जगह संदीप साहू नेता प्रतिपक्ष बन गए हैं। सभापति सूर्यकांत राठौर ने इसकी पुष्टि की है।

सभापति सूर्यकांत राठौर ने बताया कि सभी पार्षदों से राय जानने के बाद लिखित अभिमत भी लिया गया है। पार्षदों ने कांग्रेस पार्टी से आए पत्र को नकार दिया है। आकाश तिवारी के नाम पर कोई सहमति नहीं दी है। आकाश की जगह संदीप साहू को नेता प्रतिपक्ष चुना है।

सभापति ने कहा कि जब तक आधिकारिक रूप से नया नाम घोषित नहीं होता, तब तक नगर निगम में संदीप साहू ही नेता प्रतिपक्ष रहेंगे। वहीं, संदीप साहू ने कहा कि, 5 पार्षदों ने मुझे ही नेता प्रतिपक्ष माना है। अब आगे सभापति क्या फैसला लेते हैं, यह उनके ऊपर है।

वहीं इस पर कांग्रेस ने कहा कि PCC चीफ दीपक बैज ने आकाश तिवारी को नेता प्रतिपक्ष बनाने के लिए सभापति को लेटर हेड पर लिखकर दिया है, लेकिन बीजेपी स्तरहीन राजनीति कर रही है। रायपुर नगर निगम के सभापति को नेता प्रतिपक्ष बदलने का कोई अधिकार नहीं है।

कैसे बन गए संदीप साहू रायपुर निगम के नेता प्रतिपक्ष ?

सभापति सूर्यकांत राठौर ने बताया कि 23 सितंबर को कांग्रेस के 5 पार्षदों ने बैठक की। इनमें जयश्री नायक, दीप मनीराम साहू, रोनिता प्रकाश जगत, संदीप साहू और रेणु जयंत साहू शामिल थे, जबकि 3 पार्षद अर्जुमन ढेबर, शेख मुशीर और आकाश तिवारी इस बैठक में नहीं थे।

सभापति सूर्यकांत ने बताया कि बैठक में पार्षदों से पूछा गया कि, कांग्रेस का संगठन आकाश तिवारी को नेता प्रतिपक्ष बनाने के लिए कह रहा है, तो पार्टी के पार्षद इससे इनकार क्यों कर रहे हैं। इस पर पांचों पार्षदों ने कहा कि, हम पार्टी छोड़कर जाने वाले शख्स को नेता प्रतिपक्ष नहीं मानते हैं।

इस दौरान पार्षदों ने सभापति से बताया कि कांग्रेस ने आकाश तिवारी को टिकट नहीं दिया था, तब उन्होंने पार्टी के खिलाफ जाकर निर्दलीय चुनाव लड़ा। बागी नेता को हमारी सहमति नहीं है। हमने पहले भी संगठन को अपना इस्तीफा सौंपा था। पुराने फैसले पर हम अडिग हैं। हमने संदीप साहू को अपना अभिमत दिया है।

पहले संदीप को चुना गया, फिर आकाश के लिए पत्र आया

सभापति सूर्यकांत ने कहा कि विवाद की जड़ खुद कांग्रेस पार्टी है। शुरुआत में कांग्रेस ने संदीप साहू को नेता प्रतिपक्ष के रूप में चुना और जिला अध्यक्ष का पत्र आने पर इसे स्वीकार किया गया, लेकिन 3 महीने बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी का पत्र आया कि संदीप साहू की जगह आकाश तिवारी को नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया गया है।

सभापति ने बताया कि जिस दिन कांग्रेस के जिला अध्यक्ष का पत्र उन्हें मिला, उसी दिन कांग्रेस के 5 पार्षदों ने इस्तीफा सौंपा। इसके बाद, कांग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्ष का दूसरा पत्र आया, जिसमें बताया गया कि पांचों पार्षदों ने इस्तीफा वापस ले लिया है। आकाश तिवारी को नेता प्रतिपक्ष के रूप में मान्यता दी जाए।

मेयर बोली- कांग्रेस अपने सभी पार्षदों को नेता प्रतिपक्ष बना दे

कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष विवाद पर महापौर मीनल चौबे ने कहा कि अगर कांग्रेस अपना नेता प्रतिपक्ष नियुक्त करती है तो ठीक है, अगर नहीं करती है तो भी ठीक है। यह न तो हमारा मामला है और न ही हमारी पार्टी का। नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस का आंतरिक मामला है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपना नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं कर पा रही है। कांग्रेस के आठ पार्षद हैं, उन्हें सभी को नेता प्रतिपक्ष नियुक्त कर देना चाहिए, हमें कोई समस्या नहीं है। यह हमारा मामला नहीं है। कांग्रेस को मिलकर इस मुद्दे को सुलझाना चाहिए।

बीजेपी स्तरहीन राजनीति कर रही- कांग्रेस

कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि किस निगम अधिनियम के तहत सभापति ने यह जांच कराई, जबकि कांग्रेस ने पहले ही अपने लेटर हेड पर लिखकर दे दिया है कि आकाश तिवारी को नेता प्रतिपक्ष बनाया जाए। सभापति के पास कोई अधिकार नहीं है, लेकिन भाजपा स्तरहीन की राजनीति कर रही है।

पार्षद संदीप के साथ 4 पार्षद पतियों की पुरी यात्रा ने बढ़ाया था सस्पेंस

नेता प्रतिपक्ष को लेकर कांग्रेस पार्षदों की सियासी यात्रा नगर निगम के राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय रहा। पूर्व में कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने वाले पार्षद संदीप और 4 महिला पार्षदों के पति जगन्नाथ पुरी की यात्रा पर थे। सोशल मीडिया पर फोटो वायरल होते ही नेता प्रतिपक्ष के खिलाफ एकजुटता की चर्चा तेज हो गई थी।

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