रायपुर:विधानसभा थाना अंतर्गत पीड़िता सोनिया हंसपाल ने 12 जुलाई को ठगी का मामला दर्ज कराया था. सोनिया हंसपाल को आरोपियों ने डेढ़ महीने तक डिजिटल अरेस्ट कर उससे 2 करोड़ 83 लाख रुपए की ठगी की. मामला दर्ज होने के बाद रायपुर पुलिस ने मामले में कार्रवाई शुरू की.
डिजिटल अरेस्ट के 5 आरोपी गिरफ्तार:एंटी साइबर एंड क्राइम यूनिट और पुलिस की संयुक्त टीम ने अलग-अलग राज्यों में रेड की कार्रवाई करते हुए ठगी के 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इसके साथ ही कुछ और आरोपी हैं, जिनकी तलाश पुलिस कर रही है. पुलिस ने आरोपियों के अकाउंट में 43 लाख रुपए होल्ड कराया है.
इस मामले में पुलिस ने ठगी करने वाले 4 आरोपियों के साथ ही एक आरोपी आनंद सिंह देवरिया जो कि पंजाब नेशनल बैंक का ग्राहक सेवा केंद्र का काम देखता है उसे भी गिरफ्तार किया है. वह 3 प्रतिशत कमीशन लेकर अपने खाते में पैसे जमा करवाता था. आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने घटना से संबंधित बैंक खाता, चेक बुक, सिम और मोबाइल फोन को भी जब्त किया है. पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ थाना विधानसभा में धारा 318 और अन्य धाराओं के साथ ही बीएनएस के तहत कार्रवाई की है.
जानिए आरोपियों ने कैसे किया डिजिटल अरेस्ट: रायपुर एसएसपी लाल उमेद सिंह ने बताया “सोनिया हंसपाल ने थाना विधानसभा में 12 जुलाई 2025 को ठगी का मामला दर्ज कराया था. जिसके बाद एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट और पुलिस की संयुक्त टीम ने देश के अलग अलग राज्यों में छापेमारी कर 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और लखनऊ पहुंचकर पुलिस की टीम ने लगातार अलग-अलग जगह पर रेड मारी. इसके बाद मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर पुलिस ने गोरखपुर से आरोपी आकाश साहू और शेर बहादुर सिंह उर्फ मोनू को गिरफ्तार किया. लखनऊ से अनूप कुमार मिश्रा नवीन मिश्रा और आनंद कुमार सिंह को गिरफ्तार किया. पकड़े गए सभी आरोपियों ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर ठगी को अंजाम देने की बात स्वीकार की.
आरोपी आकाश और शेर बहादुर सिंह मोबाइल सिम की व्यवस्था करता था. व्हाट्सएप से वीडियो कॉल करता था. आरोपी अनूप नवीन और आनंद सिंह लगभग 40 कंपनी का संचालन करते थे, जिसमें नारायणी इंफ्रा डेवलपर प्राइवेट लिमिटेड श्री गणेश डेवलपर्स अर्बन आगे इंफ्रा बिल्ड काम प्राइवेट लिमिटेड पावन धरा इंफ्रा बिल्ड कम और आनंद ट्रेडर्स नामक फर्जी कंपनी बनाकर अलग-अलग बैंकों में खाता खुलवाकर ठगी करके पैसा प्राप्त कर इधर-उधर करने और कैश निकालने का काम करते थे.
आरोपियों ने महिला को डिजिटल अरेस्ट कर आरटीजीएस (रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट) के तहत अपने खाते में 2 करोड़ 83 लाख रुपए ट्रांसफर करवाए थे. जिसमें से 43 लाख रुपए बैंक में होल्ड कराए गए हैं. ठगी के इस मामले में उत्तर प्रदेश के बलिया में प्रदीप सिंह नाम का एक आरोपी जेल में बंद है. उसे प्रोडक्शन वारंट पर रायपुर लाकर उससे भी इस मामले में पूछताछ की जाएगी.”
ठगी करने वाले आरोपियों ने पीड़ित महिला सोनिया हंसपाल को दिल्ली साइबर विंग का पुलिस होना बताकर पीड़िता के आधार कार्ड से कई बैंक खाता संचालित होने और बैंक खातों में मनी लांड्रिंग का पैसा ट्रांसफर होने का आरोप लगाया. आरोपियों ने महिला से अलग-अलग समय में 2 करोड़ 83 लाख 65 हजार रुपए आरटीजीएस के तहत अपने अकाउंट में ट्रांसफर करवा लिए. पीड़िता सोनिया हंसपाल ने 21 मई 2025 से लेकर 10 जुलाई 2025 तक आरोपियों के बताए खाते में 2 करोड़ 83 लाख 65 हजार रुपए ट्रांसफर किए.