जनता की आवाज़ उठाना पड़ा भारी: कुंज बिहारी तिवारी पर विवादित चोरी का मुकदमा, पुलिस कार्यशैली पर उठे सवाल

 

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नईगड़ी : थाना क्षेत्र में एक बार फिर पुलिसिया कार्यशैली सवालों के घेरे में है.जनता की समस्याओं को मुखरता से उठाने वाले कुंज बिहारी तिवारी पर चोरी समेत अन्य धाराओं में आपराधिक मामला दर्ज किया गया है, जिससे न केवल स्थानीय नागरिकों में रोष व्याप्त है बल्कि पूरे मामले की निष्पक्षता पर भी गंभीर प्रश्नचिह्न लग गया है.

 

प्राप्त जानकारी के अनुसार, निर्माण कार्य एजेंसी के पूर्व सरपंच द्वारा 19 मई को दुकान से 50-60 हजार रुपये मूल्य की चोरी की शिकायत दर्ज कराई गई, जिसमें ताला तोड़कर सामान ले जाने की बात कही गई. परंतु घटनास्थल से जुड़े स्थानीय चौकीदार का कहना है कि उक्त दुकान में कुछ दिनों पूर्व ही सटर लगाया गया था.

लेकिन उसमें ताला बंद नहीं था.आज जनपद पंचायत के कर्मचारियों द्वारा ताला जरूर लगाया गया, लेकिन घटना के समय ताला न होने के बावजूद ‘ताला तोड़कर चोरी’ की बात पुलिस द्वारा प्रथम दृष्टया स्वीकार कर ली गई.

 

विशेष बात यह है कि थाना परिसर से घटनास्थल की दूरी मात्र 100 मीटर है, बावजूद इसके पुलिस ने बिना गहन विवेचना के कुंज बिहारी तिवारी के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया.यह जानते हुए भी कि तिवारी हाल ही में इसी पूर्व सरपंच के विरुद्ध मारपीट और गाली-गलौज के मामले में न्याय की पैरवी कर रहे थे, जो नईगड़ी थाने में दर्ज है.

 

इस समूचे घटनाक्रम ने न केवल पुलिस की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी स्पष्ट किया है कि अब जनहित की बात करना और प्रशासनिक अनियमितताओं पर सवाल उठाना भी एक आम नागरिक को अपराधी की श्रेणी में ला सकता है.

 

जबकि जिले में अवैध नशे का कारोबार तेजी से फैल रहा है और वास्तविक अपराधियों पर कार्रवाई में पुलिस असफल नजर आ रही है, वहीं दूसरी ओर जनहित के पक्षधर आम नागरिकों को दबाने का यह तरीका लोकतंत्र की आत्मा के लिए खतरा बनता जा रहा है.

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