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राजस्थान : इस शहर में 13 दिन बाद लौटी रौनक, हर किसी के चेहरे पर आई मुस्कान

डीडवाना- कुचामन, नमक नगरी नावां सिटी में उस वक्त रौनक लौट गई जब 13 दिन के  ठहराव के बाद बुधवार को लदान प्रक्रिया फिर से शुरू हुई. इस अहम फैसले के लिए, पुरानी रेलवे स्टेशन स्थित स्टेशन नाड़ा बालाजी मंदिर में साल्ट डवलपमेंट एंड वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष दिनेश चौधरी के निर्देशन में एक बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में नमक उत्पादक संघ तथा रिफायनरी एसोसिएशन के पदाधिकारियों सहित सैकड़ों नमक उत्पादक उपस्थित रहे.

बैठक में उठे प्रमुख मुद्दे-

बैठक के दौरान उत्पादक संघ अध्यक्ष केसाराम लोरा ने विभिन्न विषयों पर चर्चा करते हुए सभी से सुझाव और प्रस्ताव मांगे. उन्होंने बताया कि 5 अप्रैल को होने वाली बैठक को रिफायनरी एसोसिएशन के अनुरोध पर 2 अप्रैल को आयोजित किया गया, ताकि व्यापार सुचारू रूप से चलता रहे.

जगदीश रोहिला ने कहा कि सभी निर्णय नमक उत्पादनकर्ताओं की सहमति से लिए जाएंगे, जिससे सभी को लाभ हो. दिनेश चौधरी ने बैठक में जोर देते हुए कहा कि समस्त फैसले जाजम पर पारित होंगे, ताकि पारदर्शिता बनी रहे। उन्होंने यह भी घोषणा की कि संगठन के पास अपनी जमीन उपलब्ध है, जहां कार्यालय निर्माण की योजना बनाई जा रही है.

 

नमक उत्पादन और वित्तीय पारदर्शिता पर चर्चा-:

बैठक में यह भी तय किया गया कि मार्च तक की समस्त वित्तीय लेनदेन का हिसाब रखा जाएगा, और 1 अप्रैल 2022 से हिसाब का पूरा ब्यौरा सभी के सामने प्रस्तुत किया जाएगा. रिफायनरी संचालकों के समक्ष 11 सदस्यों द्वारा लिए गए निर्णय रखे गए, जिनमें निम्नलिखित प्रमुख बिंदु शामिल थे। रिफायनरी संचालकों द्वारा 10 पैसा प्रति बैग की कटौती की राशि सोसायटी में जमा कराई जाएगी.जो कटौती नहीं करवाएंगे, उन्हें इसकी सूचना देनी होगी. पिछले भुगतानों का निपटारा 10 अप्रैल 2025 तक पूरा किया जाएगा.

नमक की बिक्री मौके पर तय होगी, और उसी स्थान पर सौदा पक्का किया जाएगा।

पटरे (नमक की दर) भी मौके पर तय की जा सकती है. 

रिफायनरी संचालन और गुणवत्ता मानकों पर चर्चा

बैठक के दौरान अनिल गट्टाणी, विनोद अग्रवाल, परमेश अग्रवाल, किशन चौधरी, मोहित बेरीवाल, विष्णु मोदी, प्रदीप मोदी, दीपक अग्रवाल, राजकुमार पुरोहित, अजय गर्ग और कल्याण चौधरी ने सभी निर्णयों को सुना.

बैठक में नमक की गुणवत्ता सुधारने पर विशेष ध्यान दिया गया. केसाराम लोरा ने चिंता जताई कि कुछ प्लांट संचालक नमक में 20% केल्शियम मिलाते हैं, जो पूरी तरह से बंद किया जाना चाहिए. उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि यदि कोई प्लांट मालिक केल्शियम मिलाता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

इस पर प्लांट संचालकों ने स्पष्ट किया कि रिफायनरी संचालक केल्शियम की आपूर्ति ही नहीं कर रहे हैं, जिससे यह समस्या स्वतः ही समाप्त हो जाएगी.

व्यापार को मजबूत बनाने की अपील

नगेन्द्र रणवां ने कहा कि हम सभी किसान हैं, व्यापार को सही ढंग से समझकर और बेहतर मोल-भाव सीखकर ही अधिक लाभ कमा सकते हैं. उन्होंने सुझाव दिया कि 130 रुपये प्रति क्विंटल उच्च गुणवत्ता वाले नमक और 110 रुपये प्रति क्विंटल निम्न गुणवत्ता वाले नमक की दर निर्धारित की जाए। साथ ही बिल की दो कॉपियां बनाई जाएं और उसकी रसीद भी ली जाए.

अंततः सभी के लदान शुरू करने का निर्णय लिया गया, जिससे नमक नगरी में व्यापार को गति मिलेगी और सभी उत्पादनकर्ताओं को लाभ होगा.

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