उदयपुर पुलिस ने ‘दृश्यम’ फिल्म से प्रेरित एक सनसनीखेज हत्याकांड का खुलासा करते हुए आरोपी रमेश लौहार (32) को गिरफ्तार किया है. रमेश ने 70 वर्षीय चांदी बाई डोली की हत्या कर उनके गहने लूटे और पहचान छिपाने के लिए शव को जलाकर टुकड़ों में बांटा। यह मामला 23 फरवरी, 2025 को चांदी बाई की गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज होने के बाद से रहस्य बना हुआ था.
कैसे हुआ खुलासा?
सहायक पुलिस अधीक्षक, मावली वृत्त, मनीष कुमार आईपीएस ने तकनीकी और खुफिया जानकारी के आधार पर गहन अनुसंधान किया। जांच में सामने आया कि 22 फरवरी को आखिरी बार चांदी बाई को एक सिल्वर रंग की वैन में देखा गया था। यह वैन रमेश लौहार की निकली, जिसका पूर्व में बलात्कार का आपराधिक रिकॉर्ड भी था। पूछताछ में रमेश ने अपना जुर्म कबूल कर लिया.
‘दृश्यम’ की साजिश
रमेश ने बताया कि उसने ‘दृश्यम’ फिल्म और क्राइम पेट्रोल देखकर पूरी वारदात की योजना बनाई थी। 9 जनवरी, 2025 को चांदी बाई को गहने पहने देखकर उसने हत्या की साजिश रची। 22 फरवरी को ढोल बजाने का झूठा बहाना बनाकर वह चांदी बाई को अपनी वैन में ले गया। घंटों तक उन्हें वैन में घुमाता रहा, मोबाइल बंद रखा और अंधेरा होने का इंतजार किया.
क्रूरता की हदें पार
अंधेरा होने पर रमेश ने लोहे के पाने से चांदी बाई की सिर पर वार कर हत्या कर दी। गहने लूटने के बाद उसने शव को डंपिंग यार्ड में जला दिया और बचे हुए हिस्सों को घोसुण्डा बांध में फेंक दिया, ताकि शव का कोई निशान न मिले। उसने पुलिस को गुमराह करने के लिए जानवरों की हड्डियों का उपयोग करने की भी कोशिश की, ठीक वैसे ही जैसे ‘दृश्यम’ फिल्म में दिखाया गया था.
वैज्ञानिक साक्ष्य बने आधार
पुलिस ने घटनास्थल से मानव खोपड़ी के समान जली हुई हड्डियां और दांत बरामद किए. डीएनए जांच में यह हड्डियां चांदी बाई की निकलीं. रमेश के मोबाइल की गूगल हिस्ट्री में ‘दृश्यम’ फिल्म से संबंधित सर्च भी मिली। लूटे गए गहने, हत्या में प्रयुक्त हथियार और वाहन भी बरामद कर लिए गए हैं। यह केस अपराधियों की चालाकी और पुलिस की वैज्ञानिक दक्षता का एक बड़ा उदाहरण बन गया है, जिसने साबित किया कि सच्चाई हमेशा सामने आती है.