डीडवाना-कुचामन: जिले की कुचामन सिटी थाना पुलिस ने धोखाधड़ी के एक गंभीर मामले में प्रभावी कार्रवाई करते हुए करीब एक साल से फरार चल रहे आरोपी पेफराज को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने समूह लोन दिलवाने का झांसा देकर ग्रामीण महिलाओं से धोखाधड़ी करते हुए उनके खातों से बड़ी रकम हड़प ली थी. पुलिस ने आरोपी के कब्जे से बायोमैट्रिक मशीन और मोबाइल फोन भी जब्त किए हैं.
पुलिस अधीक्षक हनुमान प्रसाद के निर्देशन में व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नेमीचंद खारिया व कुचामन वृताधिकारी अरविंद विश्नोई के मार्गदर्शन में कुचामन थानाधिकारी सतपाल सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम ने यह कार्रवाई की.
धोखाधड़ी का तरीका
घटना का खुलासा तब हुआ जब 21 मई 2024 को पीड़िता रजिया बानो पत्नी फरीद अली, निवासी भांवता ने थाने में रिपोर्ट दी. रिपोर्ट के अनुसार भारत फाइनेंस लिमिटेड की कुचामन सिटी शाखा द्वारा समूह लोन दिलवाने का झांसा देकर पेफराज नामक युवक ने गांव की महिलाओं से आधार कार्ड व दस्तावेज लेकर उनका लोन पास करवा दिया। बाद में पेफराज ने उक्त महिलाओं के खातों से धोखाधड़ी पूर्वक राशि निकाल ली.
फरियादी ने बताया कि पेफराज ने भांवता की 17 महिलाओं के नाम से लोन पास करवा कर लाखों रुपये की धोखाधड़ी की. लोन की राशि निकालने के लिए आरोपी ने बायोमैट्रिक मशीन का उपयोग किया। रिपोर्ट के आधार पर थाना कुचामन में आईपीसी की धारा 420 व 406 के तहत मामला दर्ज किया गया.
गिरफ्तारी और पूछताछ
गंभीरता से जांच करते हुए पुलिस टीम ने लगातार निगरानी और सूचनाओं के आधार पर 10 जुलाई 2025 को आरोपी पेफराज पुत्र चिरंजी लाल, उम्र 35 वर्ष, निवासी भावता, थाना कुचामनसिटी को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपी ने महिलाओं से की गई धोखाधड़ी को स्वीकार किया है और मामले में गहन जांच जारी है.
जब्ती व बरामदगी
पुलिस टीम ने घटना में प्रयुक्त बायोमैट्रिक मशीन और मोबाइल फोन को बरामद किया है, जिसका उपयोग आरोपी ने महिलाओं के खातों से राशि निकालने के लिए किया था.
पुलिस टीम की भूमिका
इस कार्रवाई को अंजाम देने में कुचामन थाना पुलिस की टीम में फजल खां, बनवारी लाल, केसाराम, कमलेश कुमार, छोटूलाल, जितेन्द्र और गिरवर कंवर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. टीम ने सतर्कता और योजना के साथ आरोपी को ट्रैक कर गिरफ्तार किया.
डीडवाना-कुचामन पुलिस ने इस कार्रवाई के जरिए यह संदेश दिया है कि महिलाओं के साथ धोखाधड़ी करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। पीड़ितों को न्याय दिलाने और धोखेबाजों को कानून के शिकंजे में लाने की दिशा में यह एक अहम सफलता है.