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राजस्थान: सलूंबर से बीजेपी विधायक अमृतलाल मीणा का निधन, हार्ट अटैक ने ली जान

राजस्थान के बीजेपी विधायक अमृतलाल मीणा का निधन हो गया है. वे सलूंबर से विधायक थे. बुधवार रात उनकी तबियत अचानक बिगड़ गई थी जिसके बाद उन्हें उदयपुर के महाराणा भूपाल हॉस्पिटल (एमबी अस्पताल) में भर्ती कराया गया. प्राथमिक जानकारी के अनुसार हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई है, हालांकि पोस्टमार्टम के बाद स्थिति स्पष्ट होगी.
अमृतलाल मीणा बुधवार दोपहर तक जयपुर में थे. उनके निधन की खबर मिलते ही भाजपा के कई कार्यकर्ता और पदाधिकारी महाराणा भूपाल हॉस्पिटल पहुंचे हैं. उनके निधन पर तमाम बीजेपी नेताओं ने दुख व्यक्त किया है.

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बीजेपी नेताओं ने व्यक्त किया शोक

राजस्थान के मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, ‘सलूंबर विधानसभा से हमारे लोकप्रिय विधायक आदरणीय श्री अमृतलाल जी मीणा के ह्रदयघात से निधन के दु:खद समाचार से बहुत आहत हूं. परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना है कि वे दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें व शोकाकुल परिजनों को गहन दुःख की इस घड़ी में संबल प्रदान करें. ॐ शांति… विनम्र श्रद्धांजलि..’

दो दशक से कर रहे थे सियासत

सलंबूर जिले के लालपुरिया गांव में साल 1959 में जन्मे अमृतलाल मीणा करीब 20 वर्षों से राजनीति में सक्रिय थे. ​​​​​​मीणा ने पहली बार साल 2004 में पंचायत समिति सराड़ा के सदस्य के तौर पर राजनीति की शुरुआत की थी. उसके बाद साल 2007-10 तक जिला परिषद उदयपुर के सदस्य और 2010 में पंचायत समिति सराड़ा में ​प्रतिपक्ष नेता बने. वे पहली विधायक विधायक साल 2013 में चुने गए. उन्होंने कांग्रेस की बसंती देवी मीणा को हराया था. बसन्ती देवी रघुवीर मीणा की पत्नी है.

इसके बाद 2018 और 2023 में कांग्रेस दिग्गज नेता रघुवीर सिंह मीणा को हराकर विधानसभा पहुंचे. अमृतलाल राजस्थान विधानसभा में प्राक्कलन समिति, प्रश्न एवं संदर्भ समिति, विशेषाधिकार समिति और अनुसूचित जनजाति कल्याण समिति के सदस्य रहे.

10 दिन रहे थे जेल में
साल 2021 में अमृतलाल मीणा को 10 दिन से ज्यादा समय जेल में रहना पड़ा था. दरअसल, 2015 में अमृतलाल मीणा की पत्नी शांता देवी सेमारी से सरपंच का चुनाव जीती थीं. शांता देवी की प्रतिद्वंदी उम्मीदवार सुगना देवी ने उनके खिलाफ फर्जी मार्कशीट को लेकर शिकायत दर्ज कराई. सीबी-सीआईडी की जांच में मार्कशीट फर्जी पाई गई. अमृतलाल मीणा ने बतौर अभिभावक पत्नी की पांचवीं की मार्कशीट पर साइन किए थे. इसलिए उन्हें आरोपी बनाया गया था.

सुगना देवी की शिकायत के बाद मामला स्थानीय कोर्ट और फिर मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा. सुप्रीम कोर्ट ने विधायक अमृतलाल मीणा को मामले में 3 सप्ताह में स्थानीय कोर्ट में सरेंडर करने के आदेश दिए. न्यायालय ने मीणा की जमानत याचिका खारिज करते हुए उन्हें जेल भेज दिया था.

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