राजस्थान के उनियारा एसीजेएम कोर्ट ने निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा की जमानत याचिका खारिज कर दी है. न्यायाधीश सुरभि सिंह ने शुक्रवार को यह फैसला सुनाया है. मीना पर देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान एसडीएम अमित चौधरी से मारपीट, राजकार्य में बाधा डालने, आगजनी और हिरासत से भागने जैसे गंभीर आरोप हैं.
दरअसल, 13 नवंबर को उपचुनाव के दौरान समरावता गांव के लोगों ने प्रशासन पर जबरन मतदान कराने का आरोप लगाया था. इस दौरान नरेश मीणा ने एसडीएम को थप्पड़ मार दिया था, जिससे हिंसा भड़क उठी और गांव में आगजनी हुई थी. निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा के खिलाफ देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान एसडीएम से मारपीट करने समेत चार मामले दर्ज हैं.
एसडीएम को थप्पड़ मारने के अलावा राजकार्य में बाधा डालने, आगजनी करने, पुलिस कर्मियों को चकमा देकर हिरासत से भागने का मामला दर्ज है. एसीजेएम कोर्ट के अभियोजन अधिकारी के अनुसार नरेश मीणा की धारा 166 के तहत जमानत याचिका खारिज कर दी गई है. मालपुरा एसडीएम अमित चौधरी ने 13 नवंबर को नगरफोर्ट थाने में मामला दर्ज कराया था कि नरेश मीणा ने उनके साथ मारपीट की है.
बता दें कि 13 नवंबर को देवली उनियारा विधानसभा के लिए उपखंड चुनाव हुआ था. इसमें समरावता गांव के लोगों ने अपने गांव को उनियारा उपखंड कार्यालय में शामिल करने की मांग को लेकर मतदान का बहिष्कार किया था. तब नरेश मीणा ने प्रशासन पर कुछ मतदाताओं को जबरन मतदान के लिए मजबूर करने का आरोप लगाते हुए एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया था. इसके बाद हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें समरावता गांव जला दिया गया था. तब से 1 महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है और नरेश मीणा सलाखों के पीछे अपनी सजा काट रहा है. ऐसे में जमानत याचिका खारिज होने के बाद नरेश मीणा के समर्थकों को भी बड़ा झटका लगा है.