जयपुर टैंकर दुर्घटना में मरने वालों में 22 वर्षीय विनीता भी है. विनीता ने जयपुर पहुंचने के लिए ट्रेन में चढ़ने के बजाय उदयपुर से बस लेने का फैसला किया, तो उसे शायद ही पता था कि मंजिल तक जल्दी पहुंचने की उसकी प्लानिंग में बदलाव उसकी जान ले लेगा. न्यूज एजेंसी के मुताबिक, विनीता उन तीन लोगों में से एक थी, जिन्होंने 25 दिसंबर को अस्पताल में गंभीर रूप से जलने के कारण दम तोड़ दिया. वह उदयपुर से जयपुर जा रही बस में यात्रा कर रही थी, जो 20 दिसंबर को जयपुर-अजमेर नेशनल हाईवे पर एक ट्रक और एलपीजी टैंकर के बीच टक्कर के बाद लगी आग में जलकर खाक हो गई थी.
बस के गेट के पास खड़ी थी विनीता
वह बस के गेट के पास खड़ी थी और जयपुर में बस के रुकने का इंतजार कर रही थी, लेकिन स्टॉप से कुछ मीटर पहले ही आग की तेज लपटों ने उसे घेर लिया और वह गंभीर रूप से जल गई. एसएमएस अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझने के पांच दिन बाद बुधवार तड़के उसकी मौत हो गई. बुधवार को हुई इस घटना में तीन और लोगों की मौत के साथ ही मृतकों की संख्या 18 हो गई है, जबकि 15 का इलाज चल रहा है.
ट्रेन की जगह बस से जाने का फैसला
विनीता उदयपुर में परीक्षा देने गई थी और उसे शुक्रवार सुबह ट्रेन पकड़नी थी, लेकिन उसने गुरुवार रात को स्लीपर बस में चढ़ने का फैसला किया, क्योंकि उसे लगा कि वह जल्दी पहुंच जाएगी. विनीता के पिता रामचंद्र ने कहा, मुझे उम्मीद थी कि उसका फोन आएगा कि वह जयपुर पहुंच गई है. मुझे फोन आया भी, लेकिन वह फोन दुर्घटना के बारे में था. उन्होंने कहा कि घटना के समय विनीता बस के गेट के पास खड़ी थी. बस टैंकर के पीछे थी.
उन्होंने कहा, ‘जब आग लगी, तो उसने तुरंत मुझे फोन किया. मैं सुनकर सदमे में आ गया. फोन कट गया और कुछ देर बाद हमें पता चला कि वह बुरी तरह घायल हो गई है.’ उन्होंने कहा कि आग लगने के बाद विनीता बस से कूद गई और कुछ दूर तक भागी, लेकिन तब तक वह गंभीर रूप से जल चुकी थी. 70 प्रतिशत जलने के बाद उसे आईसीयू में भर्ती कराया गया.
परीक्षा की तैयारी कर रही थी विनीता
प्रतापगढ़ निवासी रामचंद्र ने बताया कि विनीता जयपुर में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही थी और अपनी छोटी बहन के साथ वहीं रह रही थी. पोस्टमार्टम के बाद परिजन शव लेकर प्रतापगढ़ के लिए रवाना हो गए. एसएमएस अस्पताल अधीक्षक सुशील भाटी ने बताया कि बुधवार को तीन लोगों की मौत हो गई. उन्होंने कहा, ‘तीन और मौतों के साथ अब तक कुल 18 लोगों की मौत हो चुकी है.’ भाटी ने बताया कि घायलों में से दो की हालत अभी भी गंभीर है.
गौरतलब है कि 20 दिसंबर को एक एलपीजी टैंकर और ट्रक में टक्कर हो गई थी, घटना वाले दिन 11 लोगों की मौत हो गई थी.