राजस्थान के कोटा जिले में वन विभाग के अधिकारी को थप्पड़ मारने के मामले में बीजेपी के पूर्व मंत्री भवानी सिंह राजावत को तीन साल की सजा हुई है. अदालत ने उनके साथ बीजेपी कार्यकर्ता महावीर सुमन को भी दोषी करार दिया और दोनों पर 30-30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. लेकिन एससी/एसटी एक्ट की धारा 3 में अदालत ने दोनों को बरी कर दिया.
यह मामला मार्च 2022 का है, जब कोटा के दाढ़ देवी मंदिर रोड पर यूआईटी सड़क की मरम्मत चल रही थी. इस दौरान वन विभाग ने इसे फ़ॉरेस्ट की जमीन बताते हुए काम रुकवा दिया था. 31 मार्च 2022 को भवानी सिंह राजावत अपने कार्यकर्ताओं के साथ वन विभाग के कार्यालय पहुंचे. वहां मौजूद अधिकारी रवि कुमार मीणा ने शांति से बैठकर बात करने को कहा, लेकिन राजावत ने गुस्से में आकर उन्हें थप्पड़ मार दिया.
पूर्व मंत्री भवानी सिंह राजावत को तीन साल की सजा
इस घटना के बाद वन उपसंरक्षक रवि कुमार मीणा ने नयापुरा थाने में मारपीट और राजकाज में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज कराया. पुलिस ने राजावत और उनके समर्थकों के खिलाफ धारा 332, 353, 34 और एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया. इसके बाद 1 अप्रैल 2022 को राजावत गिरफ्तार हुए और 10 दिन जेल में रहे.
फैसले के बाद भवानी सिंह राजावत ने कहा कि हमने सिर्फ अधिकारी के कंधे पर हाथ रखा था. कोर्ट का आदेश हाईकोर्ट में चुनौती देंगे. अदालत ने सजा सस्पेंड कराने के लिए 1 महीने का समय दिया है.
भवानी सिंह राजावत ने वन विभाग के अधिकारी मारा था थप्पड़
बता दें, भवानी सिंह राजावत ने कोटा जिले के लाडपुरा विधानसभा सीट से साल 2008 में चुनाव जीता था. वह उस समय भी सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने साल 2011 में राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस विधायक रघु शर्मा पर जूता फेंक दिया था. जिसके बाद जमकर बवाल मचा था और भवानी सिंह राजावत को 1 साल के लिए निलंबित कर दिया गया था.