Rajasthan: चार साल बाद भी उच्च जलाशय का निर्माण अधर में, ग्रामीणों में आक्रोश

करौली: राजस्थान सरकार की महत्वाकांक्षी जनता जल योजना, जिसका मकसद ग्रामीण इलाकों में हर घर तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाना है, खेड़ा जमालपुर गांव में नाकाम साबित हो रही है। गत चार वर्ष पूर्व स्वीकृत गांव में प्रस्तावित उच्च जलाशय के निर्माण के लिए दो साल पहले श्मशान घाट के मुख्य द्वार के पास खुदाई शुरू हुई थी, लेकिन निर्माण कार्य आज तक शुरू नहीं हुआ। इससे न केवल पेयजल संकट गहराया है, बल्कि श्मशान घाट में अंतिम संस्कार के लिए भी ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गुस्साए ग्रामीणों ने सियाराम पटेल के नेतृत्व में सड़क जाम करने की चेतावनी दी है और प्रशासन से तत्काल समाधान की मांग की है.

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पेयजल संकट ने बिगाड़ी हालात –
खेड़ा जमालपुर में पानी की कमी ने ग्रामीणों का जीना मुहाल कर दिया है। गांव के नलकूप और हैंडपंप अपर्याप्त साबित हो रहे हैं, जिसके चलते लोग दूर-दूर से पानी लाने को मजबूर हैं। विशेष रूप से महिलाएं ओर मवेशी इस संकट की सबसे ज्यादा मार झेल रही हैं। स्थानीय निवासी सियाराम जाट ने बताया कि जनता जल योजना के तहत स्वीकृत उच्च जलाशय से कुछ उम्मीद जगी थी, लेकिन चार साल पहले शुरू हुई खुदाई के बाद निर्माण कार्य ठप है। संवेदक और जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (PHED) की उदासीनता से ग्रामीण हताश हैं.

श्मशान घाट पर भी मुश्किल-
उच्च जलाशय के लिए श्मशान घाट के मुख्य द्वार के पास गहरे गड्ढे खोदे गए, जो अब बारिश में और खतरनाक हो सकते हैं। इससे अंतिम संस्कार के लिए शवों को श्मशान घाट तक ले जाना मुश्किल हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि यह स्थिति उनकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ है.

टंकी बनी नही , पाइपलाइन बिछी-
हाल ही में गांव में पाइपलाइन बिछाने का काम शुरू हुआ, लेकिन ग्रामीण इसे बेमानी बता रहे हैं। सियाराम पटेल ने सवाल उठाया, “जब पानी की टंकी का निर्माण ही नहीं हुआ, तो पाइपलाइन का क्या फायदा?” ग्रामीणों का आरोप है कि यह सब केवल दिखावा है. 

ग्रामीणों का उबाल, सड़क जाम की चेतावनी-
निर्माण में देरी और पेयजल संकट से तंग आकर सैकड़ों ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। सियाराम जाट ने कहा, “हमने जिला कलेक्टर से लेकर रात्रि चौपाल तक में शिकायत की, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन मिला। अब हम और इंतजार नहीं करेंगे।” ग्रामीणों ने मांग की है कि एक सप्ताह में निर्माण शुरू हो और पेयजल आपूर्ति बहाल की जाए, वरना वे हिंडौन-करौली मार्ग पर धरना देंगे।

जनता जल योजना: वादे बनाम हकीकत-
जनता जल योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति के लिए जल स्रोतों का विकास और बुनियादी ढांचे का निर्माण होना है। PHED और ग्राम पंचायतें इसे लागू करने के लिए जिम्मेदार हैं। हालांकि, खेड़ा जमालपुर में योजना अपने उद्देश्यों से भटक गई है। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासनिक लापरवाही और संवेदक के साथ समन्वय की कमी ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।

PHED का जवाब
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता प्रकाश चंद्र मीणा ने बताया कि उच्च जलाशय की मानक ऊंचाई 22 मीटर स्वीकृत है, लेकिन संवेदक ने 24 मीटर की मांग की है। इसके लिए अधिशासी अभियंता को कारण स्पष्ट करने का पत्र लिखा गया है। कारण प्राप्त होने पर 24 मीटर की स्वीकृति दी जाएगी, वरना 22 मीटर के डिजाइन के साथ निर्माण शुरू करवाया जाएगा.

आगे क्या?-
खेड़ा जमालपुर के ग्रामीणों की निगाहें अब प्रशासन के अगले कदम पर टिकी हैं। यह स्थिति न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि पूरे राजस्थान में जनता जल योजना की प्रगति पर सवाल उठाती है। क्या सरकार ग्रामीणों की उम्मीदों पर खरा उतरेगी, या यह संकट और गहराएगा? समय ही बताएगा.

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