राजस्थान : ससुराल और पुलिस दबाव से त्रस्त विवाहिता बोली: बेटियों संग मरने के अलावा नहीं बचा कोई रास्ता

भीलवाड़ा: दहेज प्रताड़ना और पुलिसिया दबाव से परेशान एक विवाहिता ने जिला पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह यादव से गुहार लगाई है. महिला ने शिकायत में आरोप लगाया है कि उसकी शिकायतों पर कार्रवाई करने के बजाय उसके ही समाज से जुड़े पुलिसकर्मी लगातार उसे दबाते रहे, जिससे उसकी जिंदगी नर्क बन गई है.पंचमुखी बालाजी दादाबाड़ी निवासी मोनिका खटीक, पत्नी अरुण खोईवाल (होमगार्ड) ने मंगलवार को एसपी कार्यालय पहुंचकर लिखित शिकायत सौंपी. मोनिका ने कहा कि उसकी शादी 5 जून 2015 को हुई थी और उसके दो बेटियां अंशिका व परिधि हैं. विवाह के महज पंद्रह दिन बाद से ही ससुराल वाले दहेज और पैसों की मांग को लेकर प्रताड़ित करने लगे.

मोनिका ने बताया कि कई बार उसे घर से निकाल दिया गया और जब उसने भीमगंज थाने में शिकायत की, तो वहां तैनात उसके ही समाज के पुलिसकर्मी कैलाश सौलंकी ने धक्के मारकर बाहर निकाल दिया और साफ कह दिया – “मैं तेरे समाज का हूं, मेरे रहते यहां कोई कार्रवाई नहीं होगी.”शिकायत में मोनिका ने यह भी आरोप लगाया कि दो महीने पहले उसके बड़े नणदोई प्रहलाद राय दायमा, नणद आश देवी, सास सीता और जेठानी अनिता ने थाने में ही उसे जहर देकर जान से मारने का प्रयास किया, जिसके चलते वह तीन दिन तक आईसीयू में भर्ती रही। महिला ने इस घटना के सबूत होने का भी दावा किया.

उसने यह भी आरोप लगाया कि बीएल मीणा नामक पुलिसकर्मी नशे में धुत होकर देर रात उसके घर आया और मारपीट करते हुए जान से मारने की धमकी दी। इतना ही नहीं, मंगलवार को जब वह एसपी कार्यालय में शिकायत देने पहुंची तो वहां भी सुरेश चन्द्र नामक पुलिसकर्मी ने रिपोर्ट देने से रोकने की कोशिश की.

 

बेहद भावुक अंदाज में मोनिका ने कहा – “अब मेरी सहनशीलता खत्म हो चुकी है। मेरी दोनों बेटियों के साथ जीना मुश्किल हो गया है, मरने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा।” महिला ने एसपी से गुहार लगाई है कि उसे न्याय दिलाया जाए और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

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