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जयपुर अग्निकांड: ICU में 30 लोग अब भी लड़ रहे जिंदगी की जंग, 9 वेंटिलेटर पर

जयपुर के भांकरोटा में हुए एलपीजी टैंकर ब्लास्ट मामले में अबतक 14 लोगों की मौत हो चुकी है. लेकिन 30 लोग अब भी आईसीयू में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं. 9 लोग वेंटिलेटर पर हैं. कई लोगों की पहचान नहीं हो सकी है. इस घटना को लेकर अब नेशनल हाइवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया ने अपनी शुरुआती रिपोर्ट जारी की है. इसमें NHAI ने घटना स्थल पर बनाए कट को खोलने के लिए जेडीए और पुलिस की सहमति होना बताया है. साथ ही आगे इस तरह की घटना न घटे इसके लिए कुछ सुझाव भी दिए हैं. इसमें घटना वाले पॉइंट पर 24 घंटे पुलिस की तैनाती करने और इस तरह के वाहन चालकों को गाइड करने के लिए एस्कोर्ट सिस्टम शुरू करवाने के लिए कहा है.

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NHAI के परियोजना निदेशक अजय आर्य के अनुसार जेडीए और ट्रैफिक पुलिस की जॉइंट कमेटी से मंजूरी मिलने के बाद ही कट खोलकर ट्रैफिक का डायवर्जन किया गया है. कट 30 मीटर तक चौड़ा है, लेकिन फिर भी बड़े व्हीकल जब टर्न लेते हैं तो रोड की चौड़ाई कम पड़ जाती है. इसे देखते हुए हमने कट वाली जगह के दोनों ओर रोड की चौड़ाई को 6 लेन से बढ़ाकर 10 लेन किया है, ताकि बड़ी गाड़ी के घूमने के दौरान ट्रैफिक जाम की स्थिति से बचा जा सके.

वहीं, जो कट जयपुर-अजमेर हाईवे पर खोल रखा है, उसका उद्देश्य अजमेर से जयपुर आने वाले हैवी ट्रैफिक को रिंग रोड पर डायवर्ट करना है. इसके लिए जेडीए और ट्रैफिक पुलिस की जॉइंट कमेटी ने मंजूरी दी है. रिंग रोड पर अभी क्लोवर लीफ नहीं होने के कारण ये कट खोल रखा है.

इस मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान सरकार से जवाब मांगा है कि यू टर्न के बदले क्लोअर लीफ का निर्माण क्यों रुका है और इसका ज़िम्मेदार कौन है, इसकी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपे. उधर, सरकार ने तय किया है कि हादसे की जगह वाले यू टर्न पर अब पुलिसकर्मियों की 24 घंटे तैनाती रहेगी.

30 लोग अब भी अस्पताल में…

जयपुर अग्निकांड में मरने वालों की संख्या 14 हो गई है. अभी आईसीयू में 30 लोग जिंदगी से संघर्ष कर रहे हैं जिसमें से 9 वेंटिलेटर पर है. आईसीयू में दम तोड़ने वाले एक शख्स का नाम गोविंद है, जिसकी 2 फरवरी को शादी होनी थी. वह शादी का सामान लेकर अजमेर के केकड़ी जा रहा था. अज्ञात शवों के पहचान में भी सफलता मिली है. एक शव रिटायर्ड आईएएस करनी सिंह राठौड़ का है जो सुबह भांकरोटा के अपने फॉर्म हाउस से जयपुर घर जाने के लिए निकले ही थे.

बता दें, 20 दिसंबर को जयपुर-अजमेर हाईवे पर सुबह करीब 6 बजे एलपीजी टैंकर और ट्रक के बीच भीषण टक्कर के बाद जोरदार धमाका हुआ था. धमाके के बाद आग की लपटें दूर तक पहुंचीं थीं, जिसने वहां से गुजर रहे करीब 40 वाहनों को चपेट में ले लिया था. इस हादसे के कई भयावह वीडियो भी सामने आए थे, जिसमें जिंदा जल चुके लोगों की खाक हो चुकी लाशें नजर आ रही थीं.

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