Rajasthan: नागौर जिले की बेटियों ने एक बार फिर साबित किया है कि मेहनत और लगन से कोई भी सपना साकार किया जा सकता है, जिजोट गांव की रहने वाली और खींवसर थाने में कार्यरत कॉन्स्टेबल मंजू मेघवाल का चयन खो-खो की नेशनल टीम में हुआ है, खास बात यह है कि वे राजस्थान से चयनित एकमात्र खिलाड़ी हैं, जिससे पूरे जिले और राज्य में गर्व की लहर है.
मंजू इससे पहले भी दो बार स्टेट चैंपियनशिप और दो बार ऑल इंडिया पुलिस गेम्स में शानदार प्रदर्शन कर चुकी हैं। उन्होंने दौड़ में गोल्ड मेडल और खो-खो में सिल्वर मेडल हासिल कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है.
मंजू के पिता जगदीश प्रसाद गांव में खेती करते हैं और माता इंद्रा देवी एक साधारण गृहिणी हैं। मंजू की बहन अंजू मेघवाल भी खो-खो खिलाड़ी हैं। परिवार की यह मेहनती बेटियां अब पूरे जिले की प्रेरणा बन चुकी हैं.
पुलिस की ड्यूटी के साथ खेल का संतुलन
मंजू ने बताया कि, पुलिस विभाग में भर्ती होने के बाद लॉ एंड ऑर्डर की जिम्मेदारी निभाने के साथ उन्होंने खो-खो को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बना लिया, खींवसर थाने में ड्यूटी होने के बावजूद वे रोज सुबह-शाम दो-दो घंटे अभ्यास करती हैं, उनका कहना है कि, विभागीय अधिकारियों से उन्हें हरसंभव सहयोग मिलता है.
प्रशंसा भी मिली थाने से
खींवसर थाने के सीआई रामनारायण भांवरिया ने कहा कि “मंजू न केवल खेल में, बल्कि थाने के ऑफिस वर्क और फील्ड ड्यूटी में भी बेहतरीन प्रदर्शन करती हैं। उनका नेशनल टीम में चयन पूरे स्टाफ के लिए गर्व का क्षण है.”
मंजू की यह सफलता न सिर्फ नागौर बल्कि पूरे राजस्थान की बेटियों के लिए प्रेरणा है कि, ड्यूटी और सपनों के बीच संतुलन बनाकर भी सफलता हासिल की जा सकती है.