राजस्थान में सरकारी हॉस्पिटल से मिलने वाली खांसी की दवा के जहरीले असर की वजह से एक और मासूम की जान चली गई है. खांसी की दवा से बच्चों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. ताजा मामला चूरू जिला मुख्यालय का है जहां 6 साल के अनस की आकस्मिक मौत की वजह परिजन, सरकारी हॉस्पिटल की खांसी की दवा को बता रहे हैं. खांसी की दवा की वजह से अब तक 4 बच्चों की मौतें बताई जा रही हैं जिसमें सीकर के श्रीमाधोपुर, दो भरतपुर और एक चुरू में हुई है. हालांकि अधिकारियों की ओर से इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है.
परिजनों का दावा है कि अनस एक दम ठीक था और मामूली सर्दी, जुकाम की शिकायत पर उसे हॉस्पिटल ले जाया गया था और हॉस्पिटल से मिली दवा देने के बाद उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई. गंभीर हालत में अनस को चूरू से जयपुर के जेके लोन हॉस्पिटल रेफर किया गया था. जेके लोन हॉस्पिटल में उपचार के दौरान अनस की मौत हो गई. वार्ड के ही बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा जिला अध्यक्ष अख्तर खान बताते हैं कि अनस का परिवार आर्थिक रूप से बेहद कमजोर परिवार है.
पहले भी कंपनी पर हो चुका एक्शन
अख्तर ने बताया कि अनस तीन भाई, बहनों में सबसे छोटा था. उसके पिता रेहड़ी चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं. मासूम बेटे की आकस्मिक मौत ने परिवार को ताउम्र का दर्द दे दिया. अख्तर खान बताते हैं कि संदिग्ध मौत के चलते अनस का जयपुर जेके लोन हॉस्पिटल में पीएम करवाया गया है. अख्तर खान ने सवाल उठाते हुए कहा जब 15 साल पहले कंपनी को और दवा को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया था तो अब इस दवा को सरकारी हॉस्पिटल्स में फिर से क्यों लिखा और दिया जा रहा था?
अनस की बुआ रुखसार ने कहा जयपुर पीएम की कार्रवाई के बाद अनस के शव को लेकर परिजन चूरू के लिए रवाना हो गए हैं. शाम तक अनस को कब्रिस्तान में मिट्टी देने की रस्म अदा की जाएगी. अनस की मौत की खबर के बाद से वार्ड 39 में मातम पसरा हुआ है.
विभाग जांच में जुटा
पिछले कुछ दिनों से लगातार डेक्सट्रोमेथोरपन हाइड्रोब्रोमाइड कॉम्बिनेशन की कफ सिरप की लगातार शिकायतें सामने आ रही हैं. इससे अब तक कुछ मरीजों की मौत होने की बात भी सामने आई है. स्वास्थ्य विभाग ने गंभीर मामले सामने आने के बाद दवा के डिस्ट्रीब्यूशन पर पूरी तरह से रोक लगाई गई है. फिलहाल स्वास्थ्य महकमा एक्टिव हो गया है और दवा के सैंपल लेकर जांच के लिए लैब भेजे गए हैं.