राजस्थान के झालावाड़ में परवन सिंचाई परियोजना का हिस्सा अकावद बांध के डूब क्षेत्र में जो जमीनें गईं. उसके बदले में जमीन स्वामी को मुआवजे की राशि दी गई थीं. इसी में एक महिला का नाम भी शामिल है, जिनकी जमीन बांध में डूब गई थी. उन्हें इस जमीन के बदले में मुआवजा राशि दी गई थी. लेकिन वह साइबर ठगों का शिकार हो गईं और अब उनके पास न जमीन बची और न ही पैसे. ऐसे में महिला के परिवार पर आर्थिक संकट आ गया है.
बारां के बिलेंडी गांव की रहने वाली द्रौपदीबाई धाकड़ नाम की महिला के साइबर ठगों ने करीब 18 लाख 93 हजार रुपए उनके बैंक अकाउंट से उड़ा दिए. महिला के पति ने बताया उन्होंने साल 2020 में AU बैंक की बारां ब्रांच में अपनी पत्नी द्रौपदीबाई के नाम पर एक बैंक अकाउंट खुलवाया था. उस अकाउंट में दो (Fixed Deposit) FD कराई थीं. इनमें से एक FD पिछले साल 8 जुलाई को 10 लाख की दूसरी 28 अगस्त को 8 लाख रुपये की कराई थी.
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FD तोड़कर निकाल लिए पैसे
अब 19 जून को जब द्रौपदीबाई धाकड़ के पति रमेश चंद धाकड़ बैंक से पैसे निकालने पहुंचे तो उन्हें बैंक से जो जानकारी मिली. उससे उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. बैंक कर्मियों ने उन्हें बताया कि उनकी दोनों FD तोड़कर पैसे निकाल लिए गए हैं. यही नहीं उनका बैंक अकाउंट पूरी तरह से खाली कर दिया गया. उनकी एक एफडी 23 और दूसरी को 24 मई को तोड़ी गईं.
बैंक अकाउंट कर दिया खाली
इसका खुलासा बैंक स्टेटमेंट के जरिए हुआ. साइबर जालसाजों ने एक एफडी तोड़कर एक 8.37 लाख रुपए और दूसरे एफडी तोड़कर 10.55 लाख रुपए निकालकर चालू बैंक अकाउंट में डाल दिए गए. इसके बाद किसी और शख्स ने उनके पैसे ऑनलाइन निकाल लिए. दोनों एफडी निकालने के बाद उनके बैंक में 26 हजार रुपये बचे. लेकिन उन्हें भी साइबर जालसाजों ने नहीं छोड़े और वह भी साफ कर दिए.
सरकारी योजना का दिया झांसा
इसके बाद पति-पत्नी ने इसे मामले को लेकर साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई. थाना प्रभारी अशोक चौधरी ने मामले की जांच शुरू की. उन्होंने बताया कि जांच में सामने आया कि जिस बैंक अकाउंट में पैसा था. उससे लिंक फोन नबंर पर साइबर ठगों की कॉल आई थी. उस समय फोन बच्चों के हाथ में था. ऐसे में साइबर ठगों ने सरकारी योजना का झांसा देकर उनसे ओटीपी ले लिया और ठगी को अंजाम दिया.