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उदयपुर राजघराने का विवाद फिलहाल थमा, सिटी पैलेस जाकर विश्वराज सिंह मेवाड़ ने किए धूणी दर्शन

उदयपुर के पूर्व मेवाड़ राजपरिवार में प्रॉपर्टी को लेकर विवाद हो गया था. विवाद के चलते बात इतनी बिगड़ गई थी कि सिटी पैलेस के बाहर पथराव हो गया था. हालांकि, अब विवाद सुलझ गया है. विश्वराज सिंह मेवाड़ सिटी पैलेस के अंदर चले गए हैं. उन्होंने पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में पवित्र मानी जाने वाली धूनी को नमन किया.

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विश्वराज सिंह जब मेवाड़ सिटी पैलेस के अंदर जाने लगे तो उदयपुर में मार्च निकाल रहे राजपूतों के विशाल समूह ने उन्हें कंधे पर लाद लिया. समझौते के दौरान लक्ष्यराज को विश्वास में लिया गया. साथ ही उनसे आश्वासन भी लिया गया कि वे या उनके समर्थक कोई परेशानी पैदा नहीं करेंगे.

बुधवार को एकलिंगनाथजी मंदिर गए थे विश्वराज सिंह

बुधवार को लक्ष्यराज सिंह की प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले बीजेपी विधायक और उनके चचेरे भाई विश्वराज सिंह ने अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा कि धूणी पर जाना उनका अधिकार है, लेकिन उन्हें ऐसा करने से रोक दिया गया. इससे पहले विवाद को लेकर लक्ष्यराज ने अपने चचेरे भाई विश्वराज सिंह मेवाड़ पर निशाना साधा था. साथ ही कहा था कि दूसरा पक्ष इस स्थिति से राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा कि अगर दूसरे पक्ष को कोई समस्या है, तो वह कानूनी सहारा ले सकता है. लेकिन दूसरा पक्ष इस स्थिति से राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहा है. कुछ लोग अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल करके हमारे घर में घुसना चाहते हैं.

‘कुछ लोग निजी स्वार्थ के लिए प्रशासन पर दबाव बना रहे’

अरविंद सिंह के बेटे लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने मंगलवार रात को भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस  की थी. जिसमें उन्होंने कहा कि अनुष्ठान के नाम पर लोगों की जान को खतरे में डालना उचित नहीं है, उन्होंने कहा कि सरकार में बैठे कुछ लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए प्रशासन पर दबाव बना रहे हैं और जबरन उनके घर में घुसने की कोशिश कर रहे हैं. लक्ष्यराज सिंह ने कहा कि ऐसी स्थिति की संभावना थी, इसलिए हमने कई दिन पहले प्रशासन को सूचित कर दिया था और समाचार पत्रों के माध्यम से सूचना सार्वजनिक कर दी थी.

उदयपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण था, हमें उम्मीद है कि प्रशासन और सरकार सच्चाई के साथ खड़ी होगी और न्याय करेगी. हम हमेशा अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं. कानून को अपने हाथ में लेना और खुद को कानून से ऊपर समझना सही नहीं है. हमने 40 साल पहले भी ऐसी ही स्थिति का सामना किया था, हम उनके अवैध दृष्टिकोण का कानून के अनुसार जवाब देंगे. उनके दावे झूठे हैं और सिटी पैलेस के अंदर का मंदिर सभी के लिए खुला है, बशर्ते वे जिम्मेदारी से आएं.

जानें विवाद की वजह?

विश्वराज सिंह को सोमवार को चित्तौड़गढ़ किले में आयोजित एक समारोह में पूर्व मेवाड़ राजघराने के मुखिया के रूप में नियुक्त किया गया था, इस महीने की शुरुआत में विश्वराज के पिता महेंद्र सिंह मेवाड़ का निधन हो गया था. राजतिलक की रस्म के बाद विश्वराज सिंह का सिटी पैलेस में धूणी (धार्मिक स्थल) के दर्शन करने और फिर एकलिंगनाथजी मंदिर में जाने का कार्यक्रम था, हालांकि महेंद्र सिंह मेवाड़ के छोटे भाई अरविंद सिंह मेवाड़, जो सिटी पैलेस, धूणी और मंदिर की देखरेख करते हैं, उन्होंने विश्वराज सिंह को सिटी पैलेस में प्रवेश करने से रोक दिया था.

इसके बाद जमकर हंगामा हुआ. दोनों पक्षों में झड़प हुई, इसमें तीन लोग घायल हो गए. जिसके बाद कानून और व्यवस्था की स्थिति की आशंका को देखते हुए पुलिस ने बैरिकेड्स लगा दिए थे और सिटी पैलेस के बाहर और आस-पास के इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था. लेकिन, जब विश्वराज सिंह को सिटी पैलेस में प्रवेश करने से मना कर दिया गया, तो उनके गुस्साए समर्थकों ने बैरिकेड्स तोड़ दिए और सिटी पैलेस के गेट के करीब जाने की कोशिश की. हालंकि विश्वराज सिंह ने इस घटना की निंदा की और कहा कि शाही रस्मों को निभाने से रोकना गलत है.

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