राजस्थान : हिराणी में सैकड़ों साल से हो रही ये अनोखी प्रतियोगिता, जीतने वाले को मिलता है बाहुबली का खिताब

डीडवाना –  कुचामन  पारंपरिक भारतीय व्यायाम और शक्ति प्रदर्शन की विरासत को जारी रखने के मकसद से होली के पर्व के मौके पर  डीडवाना – कुचामन जिले के हिराणी में सैकड़ों सालों से भव्य नाल (माला) पत्थर उठाने की प्रतियोगिता का आयोजन होता है. इसी क्रम में एक बार फिर शुक्रवार को माला पत्थर उठाने की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. स्थानीय ग्राम पंचायत की और से आयोजित इस प्रतियोगिता में सैकड़ों प्रतिभागियों ने भाग लिया और उपस्थित ग्रामीणों ने भारी उत्साह के साथ प्रतिभागियों का हौसला बढ़ाया.

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हरेंद्र इनाणिया को मिला बाहुबली का खिताब

प्रतियोगिता में विभिन्न भार वर्गों के नाल पत्थर उठाने की चुनौती दी गई, जिसमें प्रतिभागियों को एक निश्चित समय तक पत्थर को उठाकर रखना था. प्रतियोगिता के दौरान पहलवानों ने अपने अद्भुत कौशल और ताकत का प्रदर्शन किया. प्रतियोगिता में 55 किलोग्राम नाल (माला) पत्थर उठाने में  नागौर के हरेंद्र इनाणिया ने प्रथम स्थान हासिल किया.

 

 

जिन्हें प्रतियोगिता के आयोजकों  की ओर से बाहुबली का खिताब दिया गया. इसके साथ द्वितीय स्थान किशन लाल गुर्जर और तीसरा स्थान राकेश गुर्जर ने प्राप्त किया. 50 किलोग्राम नाल (माला) पत्थर उठाने की प्रतियोगिता में यशपाल गुर्जर प्रथम, विकास वाल्मीकि ,दूसरे और धारा सिंह तीसरे स्थान पर रहे. प्रतियोगिता के समापन के दौरान ग्राम पंचायत की ओर से विजेताओं को सम्मानित किया गया.

 

पारंपरिक व्यायाम पद्धतियों को पुनर्जीवित करने के साथ युवाओं को शारीरिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है मकसद

सरपंच मदन लाल कुमावत विजेताओं को सम्मानित करते हुए कहा की  “यह प्रतियोगिता न केवल हमारी पारंपरिक व्यायाम पद्धतियों को पुनर्जीवित करती है, बल्कि युवाओं को शारीरिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक भी बनाती है.

उप सरपंच झबर सिंह ने कहा की हिराणी में इस प्रतियोगिता का आयोजन पिछले सैकड़ो साल से हो रहा है.भविष्य में भी इस तरह की प्रतियोगिताएं जारी रखने का हम वादा करते हैं जिससे युवाओं में शारीरिक मजबूती और खेल भावना को बढ़ावा मिले. इस मौके पर  युवा नेता रमेश कलकला (युवा नेता) ,गोविंद सिंह, अशोक शर्मा,प्रकाश माली ,कमल डोडवाड़िया व भरो तादाद में ग्रामीण मौजूद रहे.

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