राजस्थान : कंचन की मौत की वजह करंट या कुछ और? कुचामन पुलिस ने शुरू की जांच, धरना समाप्त

डीडवाना – कुचामन: कुचामन सिटी में सोमवार को उस समय तनावपूर्ण हालात बन गए जब 21 वर्षीय युवती कंचन प्रजापत की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के बाद कुमावत–प्रजापत समाज के लोगों ने राजकीय जिला अस्पताल में धरना शुरू कर दिया. कंचन की मौत को लेकर परिजनों और समाज के लोगों ने गहरा संदेह जताया और इसे सामान्य हादसा मानने से इनकार कर दिया.

फोन कॉल से आई सूचना और संदिग्ध मौत

मृतका कंचन प्रजापत, बोरावड़ निवासी कपिल प्रजापत की पुत्री थी और बीते तीन महीनों से कुचामन की क्रेडिट एक्सिस ग्रामीण लिमिटेड नामक फाइनेंस कंपनी में कार्यरत थी। परिजनों के अनुसार, रविवार शाम को उन्हें फोन पर सूचना मिली कि कंचन की तबीयत बेहद खराब है और उसे अस्पताल ले जाया गया है. जब परिजन अस्पताल पहुंचे, तो कंचन आपातकालीन वार्ड में गंभीर अवस्था में भर्ती थी. बाद में परिजनों को उसकी मौत की जानकारी दी गई – मौत की वजह करंट बताई गई.

परिजनों के मुताबिक मौत की वजह करंट नहीं कुछ और?

कंचन के चाचा रामअवतार प्रजापत ने बताया कि उन्हें इस मौत पर गहरा संदेह है। उन्होंने बताया कि कंचन के दो सहकर्मियों की भूमिका संदिग्ध प्रतीत होती है। इसी आधार पर परिजनों ने कुचामन पुलिस को रिपोर्ट दी और मांग की कि जांच पूरी तरह से निष्पक्ष हो तथा शव का पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड से कराया जाए.

अस्पताल परिसर में दिया धरना

सोमवार सुबह से ही कुमावत और प्रजापत समाज के सैकड़ों लोग अस्पताल परिसर में एकत्र होना शुरू हो गए, जो कुछ ही देर में विरोध-प्रदर्शन और धरने में बदल गया। धरने में कई सामाजिक और राजनीतिक प्रतिनिधि भी शामिल हुए.

समस्त कुम्हारान पंचायत अध्यक्ष राजकुमार फौजी, भाजपा जिला महामंत्री देवीलाल दादरवाल और ओबीसी मोर्चा जिलाध्यक्ष राजाराम प्रजापति ने कहा कि यदि समाज की बेटी के साथ अन्याय हुआ है, तो वे चुप नहीं बैठेंगे और इंसाफ मिलने तक आंदोलन जारी रहेगा.

मौके पर पहुंचे अधिकारी, समझाइश के प्रयास

धरने की सूचना मिलते ही कुचामन वृत्ताधिकारी अरविंद विश्नोई अस्पताल पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से वार्ता की. बाद में वे कंचन के जिस कमरे में रहती थी वहां पहुंचे और जानकारी ली। दोपहर बाद पुलिस उपाधीक्षक विश्नोई दोबारा जिला अस्पताल में दिए जा रहे धरनास्थल पर आए और समाज के प्रतिनिधिमंडल के साथ प्रशासनिक स्तर पर गहन चर्चा की. अंततः प्रशासन ने समाज की प्रमुख चार मांगों पर सहमति जताई.

प्रशासन और समाज के बीच बनी सहमति

फाइनेंस कंपनी की ओर से पीड़ित परिवार को ₹4,60,000 का मुआवजा दिया जाएगा.

स्थानीय प्रशासन की और से चिरंजीवी योजना के तहत दिए जाने वाले 5 लाख रुपए के लिए प्रस्ताव भिजवाया जाएगा

घटनास्थल की जांच के लिए नागौर से एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लैब) टीम बुलाई जाएगी.

परिजनों द्वारा संदेह के घेरे में लाए गए दो संदिग्धों की भूमिका की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

यदि जांच में कंचन की मौत की वजह करंट पाई जाती है, तो विद्युत विभाग की ओर से नियमों के तहत ₹5 लाख का अतिरिक्त मुआवजा दिया जाएगा.

पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड से और धरने का समापन

परिजनों की मांग के बाद मेडिकल बोर्ड की निगरानी में कंचन के शव का पोस्टमार्टम किया गया. मांगों पर सहमति बनने के बाद धरना समाप्त कर दिया गया.

अब पुलिस जांच पर टिकी निगाहें

फिलहाल कुचामन पुलिस ने पूरे मामले की तहकीकात शुरू कर दी है और फॉरेंसिक जांच का इंतजार किया जा रहा है। परिजन अभी भी इस मौत को सामान्य करंट से हुई दुर्घटना नहीं मान रहे हैं और सच सामने लाने की उम्मीद लगाए बैठे हैं.

क्या वाकई कंचन की मौत एक हादसा थी या फिर किसी साजिश का शिकार हुई वो युवती? इसका जवाब अब एफएसएल की रिपोर्ट और पुलिस जांच ही दे सकती है.

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