डीडवाना – कुचामन: “स्मार्ट मीटर नहीं लगाएंगे, ना हीं लगाने देंगे!” इन्हीं नारों के साथ चितावा में सैकड़ों किसानों ने अखिल भारतीय किसान सभा के बैनर तले सहायक अभियंता कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। किसानों ने सरकार की जनविरोधी नीतियों और अजमेर विद्युत वितरण निगम की कार्यप्रणाली के खिलाफ खुलकर आक्रोश जताया और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.
किसान नेताओं के तीखे तेवर
सभा के तहसील अध्यक्ष रेखाराम बडकेशिया ने कहा, “सरकार देश की संपत्तियों को निजी कंपनियों के हवाले कर रही है। ये स्मार्ट मीटर आमजन और किसानों की जेब खाली करने का नया षड्यंत्र है, जिसे हम किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे.”
मोतीलाल शर्मा ने चेताया
जिला सचिव मोतीलाल शर्मा ने कहा, “हम पूरे जिले में व्यापक जनजागरण अभियान चलाएंगे। स्मार्ट मीटर केवल बिजली बिल बढ़ाने का जरिया हैं, इनमें पारदर्शिता नहीं है और उपभोक्ताओं को ठगने का रास्ता खोला जा रहा है। यदि सरकार ने यह जबरन थोपने की कोशिश की तो पूरे नागौर जिले में बड़ा जन आंदोलन होगा.”
कामरेड अब्बास खान का आरोप
कामरेड अब्बास खान ने कहा, “सरकार और बिजली कंपनियों की मिलीभगत से स्मार्ट मीटर थोपे जा रहे हैं। पहले ही किसानों पर कर्ज और महंगाई का बोझ है, अब ये नया मीटर किसानों को बिजली के नाम पर और लूटने का जरिया बन जाएगा। ये नीति किसान विरोधी है और इसका पुरजोर विरोध होगा.”
कानाराम बिजारणियां ने किया खुलासा
किसान नेता कानाराम बिजारणियां ने कहा, “बिना किसी जनसुनवाई के, बिना पंचायतों से राय लिए सीधे-सीधे गांवों में स्मार्ट मीटर लगाना तानाशाही है। इससे किसानों के बिजली बिलों में बेतहाशा वृद्धि होगी, और यह उनके आर्थिक ढांचे को तोड़ने का प्रयास है.”
माकपा नेताओं का समर्थन और जनआंदोलन की चेतावनी
इस मौके पर माकपा के तहसील सचिव हरदेवा राम आनंद, नारायण राम दहिया, रामसिंह जूसरी, खिंवकरण डबरिया सहित अन्य वक्ताओं ने भी सरकार को चेतावनी दी कि यदि स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया पर तुरंत रोक नहीं लगाई गई तो क्षेत्र में बड़ा विरोध शुरू होगा.
ज्ञापन सौंपा गया
प्रदर्शन के बाद चितावा विद्युत विभाग के जे.ई.एन. को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया जिसमें स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से रोकने की मांग की गई.
ज्ञापन सौंपने वालों में शामिल रहे:
मोतीलाल शर्मा (जिला सचिव), अब्बास खान, हरदेवा राम आनंद, रेखाराम बडकेशिया, कानाराम बिजारणियां, नारायण राम दहिया, भगवाना राम कड़वा, महेश पारीक, भंवरलाल बुरडक, अर्जुन राम भिंचर, कमल कुमार सहित कई प्रमुख किसान नेता.