Rajasthan: डीडवाना – कुचामन , केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मांग की गई है कि जोधपुर डिवीजन के सबसे अधिक आय देने वाले रेलवे स्टेशन, नावां सिटी को “अमृत भारत योजना” में शीघ्र शामिल कर उसके विस्तार व आधुनिकीकरण किया जाए.
रेलवे को सालाना 100 करोड़ से अधिक का राजस्व देने वाला स्टेशन
नावां के समाजसेवी मनोज गंगवाल ने किसान आयोग अध्यक्ष सीआर चौधरी के जरिए केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को एक पत्र भेजा है, गंगवाल ने अपने पत्र में बताया कि नावां सिटी रेलवे स्टेशन से रेलवे को मालभाड़ा और यात्री यातायात के माध्यम से सालाना 100 करोड़ रुपये से भी अधिक की आय होती है। इसके बावजूद यह स्टेशन आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है और “अमृत भारत योजना” में शामिल किए जाने के बावजूद कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है.
नावां सिटी: एक तेजी से उभरता औद्योगिक व शैक्षणिक केंद्र
मनोज गंगवाल ने बताया की नावां सिटी सिर्फ एक स्टेशन नहीं, बल्कि एक प्रमुख उपखंड व तहसील मुख्यालय है। यहां नगर पालिका, पंचायत समिति, रिको औद्योगिक क्षेत्र, कई राजकीय महाविद्यालय, कृषि एवं पशुविज्ञान कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, पॉलीटेक्निक, विधि महाविद्यालय सहित उत्तरी भारत की सबसे बड़ी नमक मंडी एवं एशिया का प्रमुख एमरी पत्थर क्षेत्र स्थित है.
एशिया का पहला हाईस्पीड रेल ट्रायल ट्रैक भी नावां में निर्माणाधीन
मनोज गंगवाल ने पत्र में इस ओर भी ध्यान दिलाया कि अमेरिका व ऑस्ट्रेलिया की तर्ज पर एशिया का पहला हाईस्पीड रेल ट्रायल ट्रैक भी नावां में ही बन रहा है, जिसके चलते स्टेशन पर उच्च स्तरीय सुविधाएं व प्रमुख ट्रेनों का ठहराव जरूरी हो गया है.
इन प्रमुख ट्रेनों के ठहराव की मांग की गई
गंगवाल ने निम्नलिखित महत्वपूर्ण ट्रेनों के नावां सिटी स्टेशन पर ठहराव की मांग की है:
15631/32/33/34 – बाड़मेर/बीकानेर – गुवाहाटी एक्सप्रेस
22995/96 – मण्डोर एक्सप्रेस
20487/88/89/90 – बाड़मेर/मथुरा/दिल्ली इंटरसिटी
20471/72 – बीकानेर-पुरी एक्सप्रेस
14661/62 – बाड़मेर-जम्मूतवी (जो कोरोना काल से बंद है)
जनभावनाओं का सम्मान करते हुए शीघ्र निर्णय की अपेक्षा
गंगवाल ने पत्र के माध्यम से रेल मंत्री से आग्रह किया है कि आमजन, विद्यार्थियों, व्यापारियों व मजदूरों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए जनभावनाओं का सम्मान करते हुए इन ट्रेनों का ठहराव सुनिश्चित किया जाए और स्टेशन का समग्र विकास शीघ्र प्रारंभ किया जाए.
नावां सिटी स्टेशन का विकास: प्रतीक्षा कब तक?
देश की रेल व्यवस्था में जोधपुर डिवीजन का योगदान उल्लेखनीय रहा है, और उसमें भी नावां सिटी रेलवे स्टेशन एक ऐसा नाम है, जो न केवल राजस्व के आंकड़ों में शीर्ष पर है, बल्कि सामाजिक, औद्योगिक और शैक्षणिक दृष्टि से भी एक महत्त्वपूर्ण केंद्र बन चुका है.
हर वर्ष 100 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व देने वाला यह स्टेशन आज भी विकास की बाट जोह रहा है। “अमृत भारत योजना” में इसे प्रस्तावित तो किया गया, पर कार्य की शुरुआत न होना कई सवाल खड़े करता है.
समाजसेवी मनोज गंगवाल द्वारा केन्द्रीय रेल मंत्री को भेजा गया पत्र सिर्फ एक आग्रह नहीं, बल्कि एक पूरे क्षेत्र की आवाज है। इस पत्र के माध्यम से उन्होंने नावां सिटी स्टेशन की उपेक्षा की ओर ध्यान खींचा है — एक स्टेशन जो औद्योगिक गतिविधियों, शिक्षण संस्थानों और तीव्र गति से बन रहे एशिया के पहले हाईस्पीड रेल ट्रायल ट्रैक के चलते आने वाले वर्षों में और अधिक व्यस्त रहने वाला है.
जब एक छोटा शहर इतना राजस्व दे रहा हो, और वहां की जनता यात्री सुविधाओं, ट्रेनों के ठहराव व आधुनिक ढांचे से वंचित हो, तो यह हमारे योजनाकारों की प्राथमिकता पर प्रश्नचिन्ह है.
वर्तमान में जिन ट्रेनों के ठहराव की मांग की गई है, वे केवल रेल सेवाओं का विस्तार नहीं बल्कि उस क्षेत्र की सामाजिक-आर्थिक गति को तेज करने का माध्यम बन सकती हैं। विद्यार्थियों से लेकर व्यापारी वर्ग तक, हर कोई इन ट्रेनों के ठहराव से लाभान्वित होगा.
सरकार और रेलवे प्रशासन को यह समझना होगा कि योजनाएं केवल कागज़ों पर नहीं, ज़मीन पर उतरने से सार्थक होती हैं। नावां सिटी जैसे स्टेशन का विकास केवल स्थानीय हितों का नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र की प्रगति का द्योतक होगा.