राजस्थान का भविष्य पढ़ रहा है! 5वीं बोर्ड का रिज़ल्ट 97.47% – बेटियों ने फिर मारी बाज़ी

भीलवाडा : राजस्थान की धरा एक बार फिर ज्ञान के दीपों से जगमगा उठी, जब शनिवार दोपहर 12:30 बजे प्रदेश की कक्षा 5वीं बोर्ड परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ. इस बार सफलता की कहानी सिर्फ अंकों की नहीं, लाखों सपनों की है – 13 लाख से अधिक परीक्षार्थियों में से करीब 97.5% बच्चों ने सफलता की सीढ़ी चढ़ी है.
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने जहाजपुर से वर्चुअली जुड़कर परिणाम की घोषणा की. उन्होंने इसे ‘एक परीक्षा का परिणाम नहीं, बल्कि लाखों बच्चों की मेहनत, लगन और जिज्ञासा की पहचान’ कहा. जहां एक ओर 12,96,495 छात्र-छात्राएं परीक्षा में सफल हुए, वहीं 31550 विद्यार्थियों को पूरक श्रेणी में रखा गया है, जिनकी परीक्षा अगस्त 2025 में होगी.
परिणाम में बेटियां आगे
इस बार लड़कियों ने फिर से बाज़ी मारी है. जहां लड़कों का परिणाम 97.29% रहा, वहीं लड़कियों ने 97.66% सफलता दर के साथ 0.37% की बढ़त बनाई – यह केवल आंकड़े नहीं, बालिकाओं की उड़ान का प्रमाण हैं.
क्या खास रहा:
कुल 13,30,190 विद्यार्थियों ने दी परीक्षा, 97.47% कुल सफलता दर, पिछले वर्ष की तुलना में 0.41% की वृद्धि, 2145 विद्यार्थियों का परिणाम रोका गया है, 18596 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित हुई परीक्षा.
बदलते राजस्थान की तस्वीर
राज्य सरकार की ओर से शिक्षा में सुधार के प्रयास रंग ला रहे हैं। मंत्री दिलावर ने कहा कि डिजिटल लर्निंग, शिक्षकों का प्रशिक्षण, और आधारभूत ढांचे में सशक्तिकरण जैसे कदमों ने शिक्षा प्रणाली को नई दिशा दी है. शिक्षा संकुल, जयपुर में इस ऐतिहासिक पल के गवाह बने कई वरिष्ठ अधिकारी, जिनमें शिक्षा सचिव कृष्ण कुणाल, राज्य परियोजना निदेशक अनुपमा जोरवाल, और प्रारंभिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट प्रमुख रहे.
सफलता की कहानी, हर गाँव की जुबानी
यह परिणाम केवल अंकों की नहीं, उम्मीदों की कहानी है. राज्य के कोने-कोने से आई इन सफलता की कहानियों में शिक्षक, अभिभावक और समाज – सभी की साझी भूमिका है. यह एक संकेत है कि राजस्थान का भविष्य पढ़ रहा है, बढ़ रहा है, और उड़ान भरने को तैयार है.
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