राजेश त्रिपाठी आत्महत्या मामला; ब्लैकमेलिंग के जाल में उलझे शिक्षक, आरटीआई एक्टिविस्ट और वकील गिरफ्तार

दमोह : जिले के हटा थाना क्षेत्र में शासकीय शिक्षक राजेश त्रिपाठी की आत्महत्या मामले की जांच में सनसनीखेज खुलासा हुआ है.इस केस में पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके RTI कार्यकर्ता जितेंद्र भट्ट पर अब दूसरे शिक्षक की आत्महत्या में भी उकसाने का आरोप सामने आया है.

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ब्लैकमेलिंग में शामिल होने के आरोप

पुलिस जांच में सामने आया कि फुटेरा वार्ड, दमोह निवासी अधिवक्ता हरिशंकर दीक्षित ने भी भट्ट के साथ मिलकर शिक्षक त्रिपाठी को लगातार प्रताड़ित किया और ब्लैकमेल कर पैसों की मांग की.पुलिस ने अधिवक्ता को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया.

जांच में सामने आया ब्लैकमेलिंग का पूरा तंत्र

शिक्षक त्रिपाठी के मोबाइल की सीडीआर जांच में खुलासा हुआ कि RTI कार्यकर्ता जितेंद्र भट्ट ने त्रिपाठी की फर्जी डिग्री को लेकर शिकायत की थी.इसके बाद वे 2018 से लगातार त्रिपाठी को ब्लैकमेल कर 20 से 22 लाख रुपये वसूल चुका था और दोबारा 5 लाख रुपये की मांग कर रहा था.इसी दबाव के चलते त्रिपाठी तनाव में आ गया और आत्मदाह कर लिया.

घटना का दिन और प्रारंभिक आरोप

15 मई की रात त्रिपाठी अपने गांव लौट रहे थे, जब वे नहर के पास जली हुई हालत में मिले.शुरुआत में परिजनों ने लूट और हत्या की आशंका जताई, लेकिन पुलिस जांच में पुष्टि हुई कि उन्होंने आत्महत्या की थी.

बटियागढ़ में एक और शिक्षक की आत्महत्या में भी भट्ट का नाम

18 मई को बटियागढ़ के महुहट गांव के शिक्षक माधव सिंह लोधी ने स्कूल परिसर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. पुलिस जांच में यह बात सामने आई कि माधव सिंह भी RTI कार्यकर्ता जितेंद्र भट्ट से प्रताड़ित थे.इसके बाद पुलिस ने भट्ट को इस आत्महत्या मामले में भी आरोपी बनाया है.

RTI कार्यकर्ता पर गंभीर आरोप, पुलिस जुटा रही सबूत
पुलिस लगातार सीडीआर और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के जरिए यह जानने का प्रयास कर रही है कि जितेंद्र भट्ट ने और कितने लोगों को ब्लैकमेल किया और किन-किन लोगों की मिलीभगत रही.टीआई धर्मेंद्र उपाध्याय के अनुसार, अधिवक्ता दीक्षित ने भी भट्ट के साथ मिलकर त्रिपाठी को प्रताड़ित किया था.

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