राजगढ़ के योगेश और अन्वेष ने यूपीएससी में मारी बाज़ी, संघर्ष से सफलता तक की कहानी

राजगढ़ : पचोर के पास उदनखेड़ी निवासी योगेश राजपूत ने यूपीएससी एक्जाम में 540वीं रैंक हासिल की है. इससे पहले वे यूपीएससी के दूसरे प्रयास में इंडियन टेलीकम्युनिकेशन सर्विस के लिए सिलेक्ट हुए थे.

Advertisement

 

इस बार उनका 5वां प्रयास और चौथा इंटरव्यू था. 35 मिनट के इंटरव्यू में करेंट अफेयर्स से लेकर उनके शौक और मालवा के बारे में प्रश्न किए गए. इंटरव्यू में पूछा गया, मालवा और दिल्ली के लोगों में क्या अंतर देखते हैं? योगेश ने जवाब में कहा- मालवा कृषि में समृद्ध है. वहां लोग बाहर जाना कम पसंद करते हैं.

 

कोशिश कीजिए, लगे रहिए… परिणाम जरूर मिलेगा

यूपीएससी में 540वीं रैंक हासिल कर जिले का मान बढ़ाने वाले योगेश राजपूत कॅरियर को लेकर तैयारी कर रहे युवाओं को संदेश देते हुए कहते हैं, लगे रहिए. कोशिश कीजिए गल्तियों पर काम कीजिए. लगे रहोगे तो एक दिन परिणाम जरूर मिलेगा. खुद योगेश दूसरे प्रयास में पहली बार इंटरव्यू तक पहुंचे और इंडियन टेलीकम्युनिकेशन सर्विस के लिए चुने गए थे। इस बार उनका 5वां प्रयास था और चौथी बार इंटरव्यू पास कर उन्होंने यह रैंक हासिल की है.

 

पिता की इलेक्ट्रॉनिक्स शॉप, बुआ-फूफा, भाई ने प्रेरित किया

योगेश राजपूत के पिता बहादुर राजपूत की उदनखेड़ी में इलेक्ट्रॉनिक्स की शॉप है. 8वीं कक्षा तक की पढ़ाई उदनखेड़ी में की. 9वीं और 10वीं कक्षा की पढ़ाई पचोर से की. 10वीं में 99.9 अंक हासिल किए. 11वीं, 12वीं, ग्रेजुएशन और पॉलीटिकल साइंस में पोस्ट ग्रेजुएशन इंदौर से किया. सारंगपुर में बुआ रेखा राजपूत और फूफा नंदन राजपूत ने आगे बढ़ने की प्रेरणा दी. फुफेरी बहन अल्का राजपूत इंदौर में सीए हैं. फुफेरे भाई राजकुमार राजपूत सेल्स टैक्स ऑफिसर हैं। फुफेरी बहन और भाई ने आगे बढ़ने के लिए हमेशा प्रेरित किया.

दाल-बाटी तो सुना है, यह दाल बाफले क्या होते हैं?

इंटरव्यू में सिलेक्शन टीम से योगेश ने कहा, मालवा का क्षेत्र कृषि में काफी समृद्ध है. उन्होंने कहा, मैं खुद काफी समय बाद बाहर निकला. वहां लोगों में संतुष्टि का भाव ज्यादा है. दिल्ली के लोग इंस्पायर ज्यादा करते हैं. बड़े-बड़े ख्वाब देखते हैं. एक चीज मिल गई तो और आगे के बारे में सोचते हैं. योगेश से अगला प्रश्न पूछा गया, आपने शौक में कुकिंग और साइंस मूवी लिखी हैं. मालवा में दाल बाफले बनते हैं. दाल बाटी तो सुना है, यह दाल बाफले क्या होते हैं? कैसे बनते हैं? योगेश ने इस प्रश्न का भी बेहतर जवाब दिया.

 

अन्वेष गुप्ताः चौथे प्रयास में यह मुकाम हासिल किया

यूपीएससी 2023 के मुख्य परिणामों में 426 सौ रैंक हासिल करने वाले अन्वेष करोडिया (गुप्ता) का संबंध जिले के खिलचीपुर से है. अन्वेष के पिता महेंद्र करोडिया ने बताया कि बचपन से होनहार अन्वेष ने शुरुआती पढ़ाई राजगढ़ के केंद्रीय विद्यालय में की, 11वीं 12वीं की पढ़ाई इंदौर में कर. कोटा से आईआईटी की तैयारी की. इसके बाद दिल्ली आईआईटी से बीटेक किया। 2020 में कोरोना काल के दौरान में खिलचीपुर लौट आए और यहीं रहते हुए ऑनलाइन स्टडी के माध्यम से यूपीएससी की तैयारी की.

Advertisements