सरकारी व्यवस्था किस कदर चरमराई हुई है इसका एक बड़ा उदाहरण जूनागढ़ में सामने आया है. पीएम नरेंद्र मोदी ने जिस अस्पताल का लोकार्पण किया उसी अस्पताल में फायर सेफ्टी को लेकर कोई सुविधा ही नहीं है. राजकोट की दुर्घटना के बाद अब जांच शुरू हुई तो ये मामला सामने आया है.
जूनागढ़ के सिविल अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के पास फायर NOC नहीं है, ये फायर अधिकारी दीपक जानी कह रहे हैं. सरकार सख्त नियम और उसके क्रियान्वयन का दावा करती है, लेकिन उनके दफ्तरों में लोगों के लिए बड़ा खतरा है.
फायर विभाग ने सिविल अस्पताल को आठ बार नोटिस देने के बावजूद सरकारी प्रक्रिया में फायर NOC नहीं ली है, जो सिस्टम निजी अस्पतालों, मॉल सिनेमा घरों पर कार्रवाई करता है, वह सिविल अस्पताल पर क्या कार्रवाई करेगा?
अगर सिविल अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई हुई तो मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा, यह सरकार में लापरवाही के स्तर का सटीक उदाहरण है.