रायपुर। 2003 में प्रदेश की सियासत में भूचाल लाने वाले जग्गी हत्याकांड मामले में बड़ा सफलता हाथ लगी है। बता दें कि NCP नेता राम अवतार जग्गी के हत्याकांड में 3 आरोपियों ने सरेंडर कर दिया है। बता दें कि अभियुक्त राजू भदोरिया, धर्मेंद्र उर्फ लल्लन और रवि सिंह ने रायपुर न्यायालय के समक्ष सरेंडर किया है।
मिली जानकारी के अनुसार, तीनों अभियुक्त भिंड से अपने अधिवक्ता और परिजनों के साथ सरेंडर करने पहुंचे। बता दें कि छत्तीसगढ़ में साल 2003 के दौरान हीरा कारोबारी राम अवतार जग्गी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस पूरे मामले में छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी समेत 25 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इस मामले को लेकर उन दिनों अमित जोगी को बाइज्जत बरी कर दिया गया था।
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जोगी शासनकाल में हुआ था जग्गी हत्याकांड
रामवतार जग्गी हत्याकांड 2003 में अजीत जोगी के शासनकाल में हुआ था। अमित जोगी के उनके कट्टर समर्थक स्वामी भक्ति में रामवतार जग्गी हत्याकांड के स्वरूप में आया था। जिसका एफआईआर स्वर्गीय विद्याचरण शुक्ल के दबाव में मौदहापारा थाने में दर्ज हुआ था, जिसमें 32 आरोपियों के नाम हत्याकांड में सामने आए थे। सभी आरोपियों को 7 -8 साल के उपरांत हाई कोर्ट से ज़मानत अपील के द्वारा मिली थी जो विगत सप्ताह हाईकोर्ट ने लोअर कोर्ट के फ़ैसले को बरकरार रखते हुए सभी आरोपियों की जमानत रद्द कर दी और सभी आरोपियों को एक हफ्ते का समय सजा हेतु सरेंडर करने का दिया था। जिसमें महापौर के सगे बड़े भाई याहया ढेबर सहित 22 आरोपियों को अपनी सजा पूरी करने के लिए वापस जेल जाना था। लेकिन कोर्ट में दो आरोपी अभय गोयल और आरसी त्रिवेदी द्वारा सरेंडर का समय बढ़ाने का आवेदन दिया था।