छत्तीसगढ़ : गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में जिले को एनीमिया मुक्त बनाने के लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ रक्त शक्ति महाभियान की शुरुआत की गई है.इस अभियान का उद्देश्य महिलाओं के स्वास्थ्य को बेहतर करना और एनीमिया जैसी गंभीर समस्या से निपटना है.
कलेक्ट्रेट कार्यालय में आज, 26 जून 2025 को गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है.जिला कलेक्टर लीना कमलेश मंडावी ने रक्त शक्ति महाभियान का शुभारंभ किया.इस अभियान के तहत 13 से 45 वर्ष की लगभग 65,000 महिलाओं का हीमोग्लोबिन (एचबी) रक्त परीक्षण किया जाएगा.
कलेक्टर मंडावी ने स्वयं अपना रक्त परीक्षण कराकर इस अभियान की शुरुआत की.उनके साथ अपर कलेक्टर नम्रता डोंगरे, अनुविभागीय अधिकारी ऋचा चंद्राकर, सीईओ नम्रता शर्मा, जिला खेल अधिकारी सीमा डेविड, और गौरेला नगर पालिका उपाध्यक्ष रोशनी शर्मा ने भी अपने रक्त की जांच कराई.
कलेक्टर : “हमारा लक्ष्य गौरेला-पेंड्रा-मरवाही को एनीमिया मुक्त जिला बनाना है। इसके लिए जिले के 230 केंद्रों पर मेडिकल टीमें तैनात की गई हैं.हमारी टीमें दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंच रही हैं, और लोगों में इस अभियान को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है.मैं सभी महिलाओं, अधिकारियों, और जनप्रतिनिधियों से अपील करती हूं कि वे इस अभियान में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें.
जिले में कुल 230 जांच केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिनमें 212 ग्रामीण और 12 शहरी क्षेत्रों में हैं.सुबह से ही महिलाएं स्वास्थ्य केंद्रों, पंचायत भवनों, और शिविरों में पहुंचकर उत्साहपूर्वक अपनी जांच करा रही हैं.
यह अभियान जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, और महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त प्रयासों से चलाया जा रहा है.’बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ पहल के तहत यह महाभियान न केवल महिलाओं के स्वास्थ्य को बेहतर करेगा, बल्कि एनीमिया मुक्त भारत के राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा.
जिला प्रशासन ने सभी आवश्यक तैयारियां पूरी की साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में मेडिकल टीमें घर-घर जाकर महिलाओं को इस अभियान से जोड़ रही हैं.इस अभियान को विश्व रिकॉर्ड बनाने की दिशा में भी देखा जा रहा है.