अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण कार्य अब अपने अंतिम चरण में प्रवेश कर चुका है. मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने आज महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है. उनके अनुसार, राम दरबार की दिव्य मूर्तियां आज किसी भी समय मंदिर परिसर में पहुंच सकती हैं, जिन्हें प्रथम तल पर स्थापित किया जाएगा. इन प्रतिमाओं में भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी की मूर्तियां शामिल हैं
प्राण प्रतिष्ठा के धार्मिक अनुष्ठान 3 जून से शुरू होंगे और 5 जून को संपन्न होंगे. इस विशेष अवसर से पहले, मुख्य मंदिर के समस्त निर्माण कार्य पूर्ण कर लिए जाएंगे. शेष निर्माण, जैसे कि परकोटा और शेषावतार मंदिर, सितंबर से अक्टूबर के के बीच पूरे होने की संभावना है.
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सप्त मंदिर खंड का निर्माण पहले ही पूरा हो चुका है और वहां ऋषि-मुनियों की मूर्तियां स्थापित कर दी गई हैं. साथ ही मंदिर के केंद्र में स्थित पुष्करणी (जल संचय कुंड) का निर्माण कार्य भी सफलतापूर्वक समाप्त हो चुका है. निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा के अनुसार, 2020 में जो निर्माण योजना तय की गई थी, उसके सभी कार्य वर्ष 2025 तक पूर्ण हो जाएंगे.
अगस्त के अंत तक 11 नंबर गेट का निर्माण हो जाएगा पूरा
द्वारों की बात करें तो चार प्रमुख द्वारों का निर्माण किया जा रहा है. इनमें उत्तरी दिशा का द्वार पहले मई तक तैयार होना था, लेकिन कुछ तकनीकी बाधाओं के चलते अब यह 30 जून तक पूरा होगा. इसके बाद अगस्त के अंत तक 11 नंबर गेट का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा और 3 नंबर गेट पर कार्य आरंभ होगा.
इसके अतिरिक्त ऑडिटोरियम, अतिथि गृह और अन्य सुविधाओं के निर्माण कार्य भी तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं. राम मंदिर का निर्माण तय समयसीमा के अनुसार आगे बढ़ रहा है, और शीघ्र ही यह दिव्य धाम संपूर्णता को प्राप्त करेगा.