“अयोध्या में गूंजी राम चर्चा की गूंज, परमहंस आचार्य बोले- मर्यादा पुरुषोत्तम राम से सीखें धर्म, प्रेम और समर्पण”

अयोध्या: धर्मनगरी अयोध्या एक बार फिर भगवान श्रीराम के गुणगान से गूंज उठी, जब तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने देवगढ़ के पं. कुलदीप पांडेय के पुरवा में आयोजित ‘राम चर्चा’ कार्यक्रम में प्रभु राम के आदर्शों की गाथा सुनाई. कार्यक्रम में भक्ति और श्रद्धा का संगम देखने को मिला, जहां भक्तों ने पुष्प वर्षा कर गुरु का भव्य स्वागत किया.

परमहंस आचार्य ने अपने ओजस्वी प्रवचन में कहा कि भगवान श्रीराम केवल एक धार्मिक चरित्र नहीं, बल्कि धर्म, मर्यादा, कर्तव्य, समर्पण, प्रेम और न्याय जैसे मूल्यों के साक्षात प्रतीक हैं। उन्होंने कहा, “राम ने अपने संपूर्ण जीवन में सत्य और धर्म की राह पर चलकर दिखाया कि जीवन में चाहे कितनी भी कठिन परिस्थितियां क्यों न आएं, मर्यादा और आदर्शों से समझौता नहीं करना चाहिए.”

उन्होंने यह भी कहा कि प्रभु राम एक आदर्श पुत्र, भाई, पति और शासक थे. उन्होंने अपने आचरणों से समाज को यह सिखाया कि केवल पद या सत्ता से महानता नहीं आती, बल्कि वह अपने व्यवहार और संकल्प से अर्जित होती है. आचार्य ने श्रीराम के वनवास, सीता त्याग और भरत के प्रति उनके प्रेम जैसे प्रसंगों का उल्लेख करते हुए बताया कि किस प्रकार राम ने अपने कर्तव्यों और धर्म का पालन किया, भले ही इसके लिए उन्हें स्वयं के सुखों का त्याग क्यों न करना पड़ा.

राम चर्चा के इस आध्यात्मिक आयोजन में श्रद्धालु जन भावविभोर नजर आए. जैसे ही परमहंस आचार्य मंच पर पहुंचे, पं. सूर्य नारायण पांडेय, रघुवीर प्रसाद पांडेय, जितेंद्र सिंह, सुरेश चंद्र पांडेय सिब्बू, अश्विनी पांडेय डब्बू, कौशलेंद्र पांडेय, राघवेंद्र पांडेय, राज कुमार, अवनीश पांडेय, नवनीत पांडेय, कुंवर, निखिल, श्रीश पांडेय, शशि भूषण, कृष्णा देव, वैभव, अंश पांडेय आदि ने उनका पुष्पवर्षा से अभिनंदन किया.

कार्यक्रम के अंत में परमहंस आचार्य ने कहा कि आज के युग में जब नैतिकता और मूल्यों का पतन होता जा रहा है, ऐसे समय में राम के चरित्र को आत्मसात करना ही हमारी संस्कृति को बचाने का एकमात्र उपाय है. उन्होंने सभी युवाओं से अपील की कि वे श्रीराम के जीवन से प्रेरणा लें और धर्म, प्रेम और सेवा के मार्ग पर चलें.

राम चर्चा कार्यक्रम न केवल भक्ति का अवसर बना, बल्कि यह लोगों को आंतरिक रूप से झकझोर कर राम के आदर्शों को अपनाने की प्रेरणा भी दे गया.

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