अयोध्या : देश और दुनिया के करोड़ों सनातन धर्मावलंबियों की आस्था के केंद्र राम मंदिर परिसर से अब प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी प्रसारित हो रहा है.मंदिर प्रबंधन ने परिसर में जल संरक्षण और हरियाली को बढ़ावा देने के लिए अनूठी पहल शुरू की है.लगभग 30 एकड़ क्षेत्र में ग्रीन बेल्ट विकसित की जा रही है, जिसमें पौधों की सिंचाई ड्रिप और स्प्रिंकलर पद्धति से की जा रही है, ताकि पानी का अपव्यय रोका जा सके.
परिसर के विभिन्न उद्यानों में घास और क्यारियों के पौधों के लिए स्प्रिंकलर विधि अपनाई गई है, जबकि दूर-दूर तक फैले पौधों की जड़ों तक बूंद-बूंद पानी पहुंचाने के लिए ड्रिप सिंचाई का जाल बिछाया जा रहा है.पाइप फिटिंग की देखरेख कर रहे अभियंता के अनुसार, इन दोनों तकनीकों से जल की बड़ी मात्रा बचाई जाएगी.भूगर्भ जल संरक्षण के लिए परिसर में 30 वाटर रिचार्ज पिट बनाए गए हैं, जिनसे वर्षा का पानी सीधे भूगर्भ जलस्तर को रिचार्ज करेगा.
अब तक 14 एकड़ में हरित क्षेत्र विकसित हो चुका है, जिसमें रामायण कालीन पौधे लगाए गए हैं.नक्षत्र और नवग्रह वाटिका तैयार है, जबकि पंचवटी क्षेत्र में पौधारोपण जारी है.आंतरिक मार्गों के किनारे भी पौधारोपण का कार्य प्रगति पर है.लक्ष्य है कि नवंबर तक ग्रीन बेल्ट का विस्तार पूरा हो जाए.
राम मंदिर परिसर में यह पहल न केवल आस्था का प्रतीक बनेगी, बल्कि जल संरक्षण और पर्यावरण बचाने का आदर्श उदाहरण भी पेश करेगी.