अयोध्या : श्रीराम जन्मभूमि पर बन रहा भव्य राम मंदिर न केवल श्रद्धा का केंद्र है, बल्कि आधुनिक भारत की शिल्प एवं सुरक्षा तकनीकों का प्रतीक भी बनता जा रहा है. निर्माण कार्य अंतिम चरण में पहुंच चुका है और अब इसकी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर महत्वपूर्ण फैसले लिए जा रहे हैं. भवन निर्माण समिति की हाल ही में आयोजित बैठक में मंदिर निर्माण की प्रगति, मूर्तियों की स्थापना और सुरक्षा मानकों पर विस्तृत चर्चा हुई. समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्रा ने स्पष्ट किया कि 15 मई 2025 तक मंदिर का निर्माण पूरी तरह से संपन्न हो जाएगा.
प्रगति की रफ्तार में कोई कमी नहीं
नृपेंद्र मिश्रा ने जानकारी दी कि सप्त ऋषियों के सातों मंदिरों की मूर्तियां मंदिर परिसर में पहुंच चुकी हैं. दो दिनों के भीतर इनकी स्थापना का कार्य पूरा कर लिया जाएगा. इसके उपरांत मंदिर परिसर के परकोटे में स्थित छह देवी-देवताओं के मंदिरों में मूर्तियों की स्थापना एवं राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा कार्य मई महीने में शुभ मुहूर्त के अनुसार संपन्न होगी. हर चरण को अत्यंत श्रद्धा, परंपरा और आधुनिकता के संगम से पूरा किया जा रहा है.
बाल भी बांका न कर सकेगा: सुरक्षा का अभेद्य कवच
राम मंदिर को लेकर देश-विदेश से श्रद्धालुओं की आस्था जितनी विशाल है, उसकी सुरक्षा को लेकर भी उतनी ही गंभीरता बरती जा रही है. मिश्रा ने कहा कि मंदिर के चारों ओर 4 किलोमीटर लंबी एक अत्याधुनिक सुरक्षा दीवार का निर्माण शुरू किया जा रहा है. यह दीवार न केवल उत्तर प्रदेश की जेलों से अधिक ऊंची और मजबूत होगी, बल्कि इसमें नवीनतम तकनीकी सेंसर भी लगाए जाएंगे.
हाईटेक तकनीक से सुसज्जित दीवार
इस सुरक्षा दीवार को ‘इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड’ के विशेषज्ञों द्वारा डिजाइन और निर्माण किया जाएगा. दीवार में ऐसे स्मार्ट सेंसर लगाए जाएंगे जो किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि को तुरंत पहचान लेंगे और अलर्ट सिग्नल सीधे कंट्रोल रूम तक पहुंचा देंगे. इससे सुरक्षा बल त्वरित एक्शन लेने में सक्षम होंगे. यह प्रणाली एक तरह से मंदिर के चारों ओर एक ‘डिजिटल कवच’ की तरह कार्य करेगी.
मिट्टी की जांच से होगा निर्माण प्रारंभ
दीवार के निर्माण से पूर्व एक सप्ताह के भीतर सॉयल टेस्टिंग की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि दीवार की नींव अत्यधिक मजबूत और टिकाऊ हो. इसके बाद चरणबद्ध तरीके से अगले 18 महीनों के भीतर यह दीवार पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगी.
तीन प्रमुख परियोजनाएं भी शुरू
मिश्रा ने बताया कि सुरक्षा दीवार के साथ-साथ तीन अत्यंत महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर भी कार्य आरंभ हो चुका है. इनमें पहला—पूरे मंदिर परिसर की बाउंड्री वॉल का निर्माण, जो परकोटे से अलग होकर बाहरी परिधि को घेरने वाला होगा. दूसरा—श्रद्धालुओं के लिए बन रहे सुविधा केंद्र की क्षमता को दोगुना किया जाएगा, जिससे आने वाले लाखों भक्तों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो. तीसरा—पंचवटी ध्यान केंद्र का निर्माण होगा, जो कि 10 एकड़ भूमि पर फैला एक साधना केंद्र होगा. यहां साधु-संत एवं साधक ध्यान-योग कर सकेंगे.
विश्व स्तरीय बनेगा तीर्थ क्षेत्र
राम मंदिर परिसर को केवल एक धार्मिक स्थल के रूप में नहीं, बल्कि एक वैश्विक पर्यटन, अध्यात्म और सांस्कृतिक धरोहर के रूप में विकसित किया जा रहा है. इससे न केवल देश के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालुओं को लाभ मिलेगा, बल्कि विदेशों से भी पर्यटक यहां की आस्था, वास्तुकला और सुरक्षा प्रबंधन को देखने आएंगे.
जनभावना और आधुनिकता का अद्भुत संगम
अयोध्या का राम मंदिर प्राचीन भारतीय परंपरा, आस्था और आधुनिक इंजीनियरिंग का अद्वितीय संगम बनता जा रहा है. नृपेंद्र मिश्रा के अनुसार, इस पूरी परियोजना में किसी भी प्रकार की कमी नहीं छोड़ी जाएगी. निर्माण गुणवत्ता से लेकर सुरक्षा उपायों तक, हर पहलू विश्व स्तरीय मानकों के अनुरूप रहेगा.
अंतिम चरण में मंदिर का सपना
अंत में मिश्रा ने बताया कि आने वाले छह महीनों में कई आवश्यक कार्य पूरे कर लिए जाएंगे, जिनमें दीवार का आरंभिक निर्माण, मूर्तियों की स्थापना और सुविधा केंद्र का विस्तार प्रमुख हैं. राम मंदिर निर्माण का यह सपना अब मूर्त रूप लेने को तैयार है, और मई 2025 में जब इसका निर्माण पूर्ण होगा, तब भारत एक बार फिर से एक महान सांस्कृतिक उपलब्धि का साक्षी बनेगा.
अयोध्या राम मंदिर न केवल अध्यात्म का केंद्र बनेगा, बल्कि सुरक्षा और तकनीकी सशक्तिकरण का आदर्श उदाहरण भी प्रस्तुत करेगा. देशवासियों की आस्था और आधुनिक भारत की तकनीकी शक्ति का यह मिलन इतिहास में एक नई इबारत लिखने जा रहा है.