भव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद होने वाला पहला दीपोत्सव कई मायनों में ख़ास होगा. अयोध्या नगरी तो लाखों दीपों से रोशन होगी ही साथ ही श्रीराम जन्मभूमि पर बने भव्य मंदिर की दीपावली भी यादगार होगी. इसके लिए तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इस वर्ष सरयू तट पर जहां 25 से 28 लाख दीपक प्रज्वलित कर विश्व रिकॉर्ड बनाने की योजना है, वहीं श्रीराम मंदिर में विशेष प्रकार के दीपक जलाए जाएंगे. मंदिर भवन को दाग-धब्बों और कालिख से सुरक्षित रखने के लिए विशिष्ट दीपकों की व्यवस्था की है, जो लंबे समय तक प्रकाशमान रहेंगे.
मनोहारी फूलों से सजेगा मंदिर परिसर
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर को आकर्षक फूलों से सजाने की भी विशेष योजना है. मंदिर परिसर को कई खंडों और उपखंडों में विभाजित कर सजावट का दायित्व सौंपा गया है. बिहार कैडर से स्वैच्छिक सेवानिवृत्त आईजी आशु शुक्ला को मंदिर के प्रत्येक कोने को व्यवस्थित रूप से रोशन करने, सभी प्रवेश द्वारों को तोरण से सजाने, साफ-सफाई और सजावट की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इससे श्रद्धालु मनोहारी फूलों और दीपों से सजे मंदिर का दिव्य दर्शन कर सकेंगे.
विशेष दीयों से पर्यावरण संरक्षण का भी रखा गया ध्यान
इस दीपोत्सव में पर्यावरण संरक्षण का भी विशेष ध्यान रखा गया है. मंदिर भवन के ढांचे को धुएं की कालिख से बचाने के लिए परिसर में विशेष मोम के दीपक जलाए जाएंगे, जिनसे कार्बन उत्सर्जन न्यूनतम होगा. मंदिर ट्रस्ट का प्रयास है कि इस दीपावली में अयोध्या न केवल धर्म और आस्था का केंद्र बने, बल्कि स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दें.
रात 12 बजे तक हो सकेंगे बाहर से भवन दर्शन
दीपोत्सव की भव्यता को श्रद्धालुओं के लिए अविस्मरणीय बनाने के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने मंदिर को 29 अक्टूबर से 1 नवंबर तक रात 12 बजे तक बाहर से भवन दर्शन के लिए खुला रखने का निर्णय लिया है. गेट संख्या चार बी (लगेज स्कैनर प्वाइंट) से श्रद्धालु आधी रात तक मंदिर की भव्य सजावट का आनंद ले सकेंगे. यह दीपोत्सव न केवल आस्था बल्कि पर्यावरण और सौंदर्य का संदेश भी देगा, जिससे अयोध्या की दीपावली विश्वभर में विशेष स्थान बनाएगी.