आज राम नवमी के मौके पर आपको अयोध्या के अनोखे बैंक के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी स्थापना साल 1970 में की गई थी. इस बैंक में भगवान राम के भक्तों को मन की शांति, विश्वास और आध्यात्मिकता मिलती है. इस बैंक में 35 हजार से अधिक खाते हैं और इसकी विदेशों में भी 136 शाखाएं हैं.
अयोध्या में स्थापित अनोखे बैंक में 35,000 लोगों के अकाउंट्स हैं. खास बात यह है कि इस बैंक से भगवान राम के भक्तों को मन की शांति, विश्वास के साथ आध्यात्मिकता मिलती है. एक तरह से कहें यो यहां राम नाम का लोन मिलता है.इस आध्यात्मिक बैंक को नवंबर 1970 में स्थापित किया गया था. इसकी स्थापना श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के प्रमुख महंत नृत्य गोपाल दास ने की थी.
जिम्मेदार बताते हैं कि इस बैंक में भारत के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, नेपाल, फिजी सहित विदेशों में करीब 35 हजार से भी ज्यादा खाताधारक हैं. बैंक में संयुक्त अरब अमीरात और अन्य देशों के लोगों ने भी अपने अकाउंट खुलवा रखे हैं. इस बैंक को ‘अंतरराष्ट्रीय श्री सीताराम बैंक‘ के नाम से जाना जाता है. यहां जो पासबुक दी जाती हैं, उन सभी में सभी पृष्ठों पर सीताराम लिखा हुआ है. बैंक में भगवान राम के भक्तों द्वारा दान में दी गईं 20,000 करोड़ ‘सीताराम‘ पुस्तिकाओं का कलेक्शन है.
बैंक के प्रबंधक पुनीत राम दास महाराज ने क्या बताया?
बैंक के प्रबंधक पुनीत राम दास महाराज हैं. उन्होंने बताया कि भव्य मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह के बाद बैंक में आने वाले पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई है. यह बैंक भक्तों को मुफ्त पुस्तिकाएं और लाल पेन देता है और प्रत्येक खाते का हिसाब रखता है. बैंक में खाता खोलने के लिए कम से कम 5 लाख बार ‘सीताराम‘ लिखना पड़ता है और फिर एक पासबुक जारी की जाती है.पुनीत राम दास ने बताया कि खाताधारक हमें डाक से पुस्तिकाएं भी भेजते हैं और हम यहां बही-खाता रखते हैं.