छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष और राज्य के तीन बार मुख्यमंत्री रहे डॉ. रमन सिंह ने महासमुंद में अपने विचार साझा करते हुए स्पष्ट कर दिया कि उनका दिल हमेशा छत्तीसगढ़ के लिए धड़कता है। उन्होंने कहा कि उन्हें किसी अन्य प्रदेश में राज्यपाल बनने की इच्छा नहीं है और वे यहीं रहकर अपने वर्तमान कर्तव्यों को पूरा करना चाहते हैं।
डॉ. रमन सिंह ने कहा कि अभी वे विधानसभा अध्यक्ष हैं और इस जिम्मेदारी को पूरे कार्यकाल तक निभाना उनका प्राथमिक उद्देश्य है। राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा थी कि उन्हें राज्यपाल बनाए जाने की संभावना है, जिससे छत्तीसगढ़ से उनका ध्यान हट सकता है। लेकिन डॉ. रमन ने अपने अंदाज में इसे खारिज करते हुए भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली नेतृत्व तक अपने संदेश को पहुंचा दिया।
महासमुंद में विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा के जन्मदिन के अवसर पर आयोजित महारूद्राभिषेक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद मीडिया से मुखातिब हुए डॉ. रमन सिंह ने अपने विचारों का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ ही उनके जीवन और राजनीति की असली पहचान है और वे यहीं रहना चाहते हैं। इस दौरान उनके अंदाज और हास-परिहास ने इस संदेश को और प्रभावशाली बना दिया।
राजनीतिक समीक्षकों का कहना है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की सत्ता और राजनीति में लगातार परिवर्तन की खबरें आम रहती हैं। ऐसे में डॉ. रमन सिंह का यह स्पष्ट बयान राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया। उन्होंने अपने संदेश में यह भी संकेत दिया कि उनके वर्तमान और भविष्य की भूमिकाओं में कोई अवांछित हस्तक्षेप न हो।
इससे पहले छत्तीसगढ़ में वरिष्ठ नेता रमेश बैस को राज्यपाल बनाकर राजनीति से दूर करने की चर्चाएं रही हैं। इसी कड़ी में डॉ. रमन सिंह की संभावित राज्यपाल पद की चर्चा पर उन्होंने अपनी दीवानगी और छत्तीसगढ़ से प्यार जाहिर कर दिया। उनके अनुसार, छत्तीसगढ़ ही सब कुछ है और वे यहीं रहकर अपने कर्तव्यों को निभाना चाहते हैं।
डॉ. रमन सिंह का यह स्पष्ट और सीधे शब्दों में दिया गया संदेश “आई लव छत्तीसगढ़ – डोंट डिस्टर्ब मी” अब राजनीतिक मंच पर और मीडिया में प्रमुख चर्चा का विषय बन चुका है। उनका कहना है कि छत्तीसगढ़ ही उनका घर और पहचान है, और वे इसे छोड़कर किसी अन्य जगह नहीं जाना चाहते।