नई दिल्ली: बाबा रामदेव की आयुर्वेदिक प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी पतंजलि की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है. पहले भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा था, अब एक और पतंजलि से जुड़ी बुरी खबर सामने आई है. पिथोरागढ़ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने हाल ही में पतंजलि सोन पापड़ी की खराब क्वालिटी के मामले असिस्टेंट मैनेजर समेत तीन लोगों को जेल भेज दिया है और जुर्माना भी लगाया है.
ये है पूरा मामला
दरअसल, साल 2019 में पिथौरागढ़ के बेरीनाग की मेन मार्केट में लीला धर पाठक की दुकान पर बेची जा रही पतंजलि नवरत्न इलायची सोन पापड़ी की क्वालिटी के बारे में शिकायत की थी, जिसके बाद 17 अक्टूबर को एक एक फूड सेफ्टी इंस्पेक्टर ने दुकान का दौरा किया. प्रक्रिया के अनुसार, इंस्पेक्टर ने सोन पापड़ी के सैंपल एकत्र किए और कान्हा जी डिस्टीब्यूटर , रामनगर और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड हरिद्वार को नोटिस जारी किया था.
फोरेंसिक टेस्ट में फेल
इसके बाद मई 2020 में उधम सिंह नगर के रुद्रपुर में स्टेट फूड एंड ड्रग टेस्टिंग लैब में फोरेंसिक टेस्ट किया गया, जिसकी रिपोर्ट में प्रोडक्ट की क्वालिटी में खराबी बात सामने आई है. जिसके बाद लीला धर पाठक, पतंजलि के असिस्टेंट मैनेजर अभिषेक कुमार और एक अन्य व्यापार के खिलाफ कार्रवाई की गई है.
कोर्ट ने 6 महीने की जेल और जुर्माना की सुनाई सजा
बता दें कि कोर्ट ने कई सुनवाई के बाद पाठक, जोशी और कुमार को फूड सिक्योरिटी एंड स्टैंडर्ड एक्ट, 2006 की धारा 50 के तहत छह महीने की जेल की सजा सुनाई है. इसके अलावा, पाठक पर 5,000 रुपये, जोशी पर 10,000 रुपये और असिस्टेंट मैनेजर अभिषेक कुमार पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया है. एक खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने कहा, “कोर्ट में पेश किए गए सबूत स्पष्ट रूप से प्रोडक्ट की घटिया गुणवत्ता को दर्शाते हैं.”