अयोध्या : रामनगरी अयोध्या में राम मंदिर के ध्वजारोहण समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं.श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और संत-महंतों के बीच हुई लंबी चर्चा के बाद यह तय हो गया है कि रामलला के ध्वज का निर्माण पूरी तरह शास्त्र सम्मत होगा.
ध्वज का स्वरूप, रंग और प्रतीक चिन्ह वाल्मीकि रामायण में वर्णित रघुवंशीय ध्वज के अनुरूप होगा.चर्चा में शामिल तकनीकी विशेषज्ञों ने बताया कि 190 फीट ऊंचे शिखर पर हवा के दबाव को देखते हुए ध्वज की लंबाई-चौड़ाई पर विचार जारी है.
ध्वज निर्माण के लिए रींवा (मध्य प्रदेश) से आए झंडा कारोबारी ने साटन के पीतवर्णी कपड़े से बना श्रीराम नाम अंकित ध्वज सैंपल प्रस्तुत किया है, जिसमें हरे रंग से कचनार वृक्ष का प्रतीक चिह्न भी दर्शाया गया है.
ध्वज बनाम पताका का रहस्य भी खुला —
जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी राम दिनेशाचार्य ने बताया कि ध्वज चतुर्भुज (चौकोर) और पताका त्रिकोणीय होती है.वैष्णव, शैव और शाक्त परंपराओं के अपने-अपने ध्वज होते हैं — जैसे विष्णु की गरुड़ ध्वजा, महेश की वृषभ ध्वजा और दुर्गा की सिंह ध्वजा.
इस बीच रींवा से आए कारोबारी ने जब दंड के साथ ध्वज लेकर रामलला के दर्शन करने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया.बाद में उन्होंने बिना दंड के दर्शन किए और जन्मभूमि पथ पर सैंपल ध्वज फहरा कर प्रदर्शित किया.उन्होंने कहा — “अगर तीर्थ क्षेत्र चाहे तो यह ध्वज हम नि:शुल्क रामलला को अर्पित करेंगे.”
अयोध्या तैयार है — इस बार आकाश में लहराएगा “रामनाम” का दिव्य ध्वज!