“रामनगरी को लौटा उसका खोया स्वाभिमान: अयोध्या में बोले सीएम योगी, कहा – संकल्प को किया सिद्ध”

अयोध्या : रामनगरी अयोध्या एक बार फिर से अपने गौरव को प्राप्त कर चुकी है। शुक्रवार को अयोध्या धाम में ‘श्री हनुमत कथा मण्डपम’ के लोकार्पण समारोह में शामिल हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अयोध्या अब सिर्फ एक धार्मिक नगरी नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पुनर्जागरण की प्रतीक बन गई है। उन्होंने कहा, “हमने अपने संकल्प को सिद्ध किया है और अयोध्या को उसका खोया हुआ गौरव दिलायाहै।.”

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मुख्यमंत्री ने इस मौके पर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि आज वह दिव्य और भव्य मंदिर साकार हो चुका है, जिसकी आधारशिला प्रधानमंत्री मोदी ने रखी थी.उन्होंने भावुक होते हुए कहा, “जिस पताका को वर्षों से अयोध्या धारण करने को लालायित थी, वह आज लहरा रही है.”

 

श्री हनुमत कथा मण्डपम: आध्यात्मिकता का नया केंद्र

हनुमानगढ़ी में बने ‘श्री हनुमत कथा मण्डपम’ का लोकार्पण करते हुए मुख्यमंत्री ने इसे अयोध्या के धार्मिक और सांस्कृतिक जीवन में एक नया अध्याय बताया.यह भव्य मण्डपम आने वाले समय में धार्मिक कथाओं, प्रवचनों और आध्यात्मिक आयोजनों का प्रमुख केंद्र बनेगा.मुख्यमंत्री ने कहा कि यह स्थल श्रद्धालुओं को भगवान हनुमान की अनंत भक्ति और सेवा की प्रेरणा देगा.

पाकिस्तान पर तीखा प्रहार: “अब समय आ गया है उसके अंत का”

अयोध्या में धार्मिक आयोजन के मंच से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख दिखाते हुए पड़ोसी देश पाकिस्तान को चेतावनी दी.उन्होंने कहा कि यह नया भारत है – यह न किसी को छेड़ता है और न ही किसी के द्वारा छेड़े जाने पर चुप रहता है.

मुख्यमंत्री ने कहा, “पाकिस्तान को उसके कर्मों की सजा जरूर मिलेगी.यह 75 साल अपनी पूरी जिंदगी जी चुका है, अब इसके अंत का समय आ गया है.” उन्होंने भारतीय सेना के पराक्रम का उल्लेख करते हुए कहा कि जब हमारे 24 निर्दोष नागरिकों की जान ली गई, तब भारत ने 124 आतंकवादियों का खात्मा कर दिया.

योगी आदित्यनाथ ने वीरता की तुलना भगवान हनुमान से करते हुए कहा, “जब हनुमान जी को रावण के सामने पेश किया गया था और रावण ने पूछा कि मेरे बेटे को क्यों मारा, तब हनुमान जी ने जवाब दिया – मैंने नहीं मारा, मैंने तो सिर्फ जवाब दिया और वह मर गया.यही जवाब आज भारत की सेनाएं भी दे रही हैं.”

राजनीति से ऊपर उठकर रामराज्य की ओर

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता ने विश्वास के साथ उन्हें सत्ता सौंपी थी, और सरकार ने उस विश्वास पर खरा उतरने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि रामराज्य की परिकल्पना अब मात्र आदर्श नहीं, बल्कि क्रियान्वयन की दिशा में मजबूत कदम है.उन्होंने बताया कि अयोध्या में व्यापक स्तर पर आधारभूत संरचनाओं का विकास किया गया है – सड़कों से लेकर घाटों तक, हवाई अड्डे से लेकर रेल सुविधाओं तक, सबकुछ बदला है.

सांस्कृतिक नवजागरण की चेतना

सीएम योगी ने कहा कि अयोध्या भारत की आत्मा है, और इस आत्मा को सजाना-संवारना, पूरे राष्ट्र की सांस्कृतिक चेतना को जागृत करना है। उन्होंने कहा, “हमने मंदिर निर्माण तक सीमित रहकर कार्य नहीं किया, हमने अयोध्या को एक अंतरराष्ट्रीय धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में काम किया है.”

धर्म, राष्ट्र और संकल्प

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने संतों, महंतों और साधु-संत समुदाय का आभार प्रकट करते हुए कहा कि उनका आशीर्वाद और मार्गदर्शन हमेशा अयोध्या और समूचे भारत को नई दिशा देता रहेगा.उन्होंने कहा कि धर्म और राष्ट्र के लिए जब संकल्प लिया जाता है, तो सफलता सुनिश्चित होती है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह भाषण न केवल अयोध्या के धार्मिक पुनर्जागरण को रेखांकित करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि उनकी सरकार आस्था, सुरक्षा और संस्कृति तीनों को संतुलित रूप से आगे बढ़ा रही है.

रामनगरी की ओर लौटते श्रद्धालु

अब जब राम मंदिर का निर्माण कार्य अंतिम चरणों में है और अयोध्या को आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जा रहा है, देशभर से श्रद्धालु यहां उमड़ने लगे हैं। योगी सरकार के प्रयासों से अयोध्या अब केवल एक तीर्थ नहीं, बल्कि सांस्कृतिक नवजागरण का केंद्र बन चुकी है.

अयोध्या में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संबोधन सिर्फ एक लोकार्पण समारोह नहीं था, बल्कि यह एक विचारधारा का उद्घोष था – जिसमें अयोध्या का वैभव, राष्ट्र का आत्मगौरव, और एक संकल्प की सिद्धि गूंज रही थी.रामनगरी आज फिर गर्व से कह सकती है – “अयोध्या को मिला उसका खोया हुआ गौरव.”

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