रामपुर नैकिन अस्पताल बना ‘गौशाला’, मरीजों की सेहत भगवान भरोसे

सीधी : जिले का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामपुर नैकिन एक बार फिर लापरवाही की तस्वीर बनकर सामने आया है. यहां अस्पताल की इमारत मरीजों की बजाय मवेशियों का डेरा बन गई है. रविवार की रात करीब 9 बजे सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें दर्जनों गाय और बैल अस्पताल के मेन गेट से लेकर बीएमओ के केबिन तक बेखौफ बैठे नजर आए। वहीं मरीज और उनके परिजन मजबूरी में इन्हीं जानवरों के बीच अस्पताल में आते-जाते दिखे.

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यह कोई पहली घटना नहीं है. करीब दो महीने पहले इसी अस्पताल के वार्ड में एक मरीज के बेड पर कुत्ते के बैठे होने का वीडियो वायरल हुआ था. उस समय वरिष्ठ अधिकारियों ने नोटिस जारी किया था लेकिन मामला ठंडे बस्ते में चला गया. नतीजा यह हुआ कि अब गाय और बैल खुलेआम अस्पताल परिसर में घूमते नजर आ रहे हैं। वीडियो में साफ दिख रहा है कि जानवर अस्पताल में गंदगी फैला रहे हैं, जबकि प्रबंधन का कोई भी कर्मचारी उन्हें बाहर भगाने की कोशिश नहीं करता.

 

अस्पताल परिसर में सीसीटीवी कैमरे तो जरूर लगाए गए हैं, लेकिन उनकी निगरानी न के बराबर है.दोषी कर्मचारियों पर कभी कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती. यही कारण है कि ऐसी घटनाएं बार-बार सामने आती हैं। इस बार सोशल मीडिया पर सतीश कुमार चतुर्वेदी नामक व्यक्ति ने वीडियो शेयर कर अस्पताल को “गौशाला” की संज्ञा दी है.पोस्ट पर लोगों ने नाराजगी जताते हुए कार्रवाई की मांग की है.

 

स्थानीय लोगों का आरोप है कि बीएमओ डॉक्टर प्रेरणा त्रिपाठी कभी अस्पताल में मौजूद नहीं रहतीं और सीधी से ही पूरा कामकाज देखती हैं. यही वजह है कि अस्पताल की स्थिति लगातार बिगड़ रही है. जब इस मामले में डॉक्टर प्रेरणा त्रिपाठी से बात की गई तो उन्होंने कोई प्रतिक्रिया देने से साफ इंकार कर दिया.

 

रात के समय अस्पताल में एक डॉक्टर, नर्स, वार्ड बॉय और स्वीपर की ड्यूटी रहती है, लेकिन इसके बावजूद किसी ने भी मवेशियों को अस्पताल से बाहर निकालने का प्रयास नहीं किया। यह स्थिति बेहद खतरनाक है क्योंकि अस्पताल डिलीवरी प्वाइंट भी है. ऐसे में नवजात शिशुओं और प्रसूता महिलाओं के संक्रमण की संभावना कई गुना बढ़ जाती है.

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