सवाईमाधोपुर: प्रदेश के सबसे बड़े रणथंभौर नेशनल पार्क के जोन नंबर एक से पांच तक में गुरुवार को पर्यटक सत्र की शुरुआत हुई. अगले ही दिन शुक्रवार को सुबह की पारी में जंगल सफारी जाते समय पर्यटकों को गणेश मंदिर मार्ग पर सिंहद्वार के पास बाघिन टी-107 ‘सुल्ताना’ कैटवॉक करती हुई नजर आई. इसके चलते मार्ग कुछ देर तक बाधित रहा, जिसमें जंगल सफारी जाने वाले पर्यटकों और गणेश मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं के वाहन फंसे रहे.
पर्यटकों ने बताया कि शुक्रवार सुबह की पारी में नेशनल पार्क भ्रमण पर गए पर्यटक जंगल सफारी कर वापस लौट रहे थे. सिंहद्वार पर वन विभाग के गाइड और ड्राइवर की डिटेल स्कैन करने के काम में ली जाने वाली क्यूआर कोड मशीन में तकनीकी खराबी आ गई थी, जिसके कारण पर्यटक वाहन वहां खड़े रहे. अचानक बाघिन ‘सुल्ताना’ जंगल से निकलकर गणेश मंदिर मार्ग पर आ गई. बाघिन को देख वहां मौजूद पर्यटक और गणेश मंदिर जाने वाले श्रद्धालु रोमांचित थे.
इस दौरान बाघिन ‘सुल्ताना’ करीब दस से पंद्रह मिनट तक सड़क पर चहलकदमी करती रही. वहां मौजूद लोगों ने इस पूरे वाकए को अपने मोबाइल कैमरे में कैद कर लिया. बाघिन के सड़क पर आने के कारण वहां लगभग 15 से 20 मिनट तक मार्ग पर यातायात भी प्रभावित रहा. बाघिन सुल्ताना रणथंभौर की चर्चित बाघिन है, जो बाघिन टी-39 नूर की बेटी है.
सुल्ताना की उम्र लगभग नौ साल है. यह बाघिन पहली बार नवंबर 2020 में रणथंभौर के अमरेश्वर वन क्षेत्र में अपने दो शावकों के साथ कैमरे में ट्रेप हुई थी. वहीं, 2022 में बाघिन ने वापस दो शावकों को जन्म देकर रणथंभौर का कुनबा बढ़ाया था, लेकिन बाघिन के शावक को जन्म देने के बाद शावक मिश्रदर्रा गेट के नजदीक गौमुख कुंड में गिर गया था.
अगस्त 2023 में बाघिन ने वापस तीन शावकों को जन्म दिया और अप्रैल 2025 में वापस बाघिन ने शावकों को जन्म देकर रणथंभौर को सौगात दी थी. गुरुवार को रणथंभौर के नए सत्र की शुरुआत के साथ ही यहां भारी तादात में पर्यटक पहुंचे और पहले ही दिन जंगल सफारी कर बाघ और बाघिनों के दीदार कर रोमांचित हो उठे. अगले दिन शुक्रवार को जंगल से लौटते समय पर्यटकों को मंदिर मार्ग पर बाघिन ‘सुल्ताना’ के दीदार हुए.