छत्तीसगढ़ में कोयला घोटाले केस में रायपुर की सेंट्रल जेल में बंद निलंबित आईएएस रानू साहू और सौम्या चौरसिया से एंटी करप्शन ब्यूरो ACB की टीम जेल में जाकर पूछताछ करेगी. दरअसल कोल लेवी मामले में दोनों आरोपियों से पूछताछ के लिए ACB और EOW ने रायपुर की स्पेशल कोर्ट में आवेदन लगाया था.
आज सुनवाई के दौरान विशेष न्यायधीश ने 3 दिन के लिए दोनों से पूछताछ की अनुमति दी है. ACB की टीम रायपुर सेंट्रल जेल में जाकर 4 से 7 अप्रैल तक पूछताछ करेगी.
प्रवर्तन निदेशालय के प्रतिवेदन के बाद 17 जनवरी को एंटी करप्शन ब्यूरो ने कोयला घोटाला मामले में FIR दर्ज की थी. जिसके बाद लगातार EOW और ACB ने जांच शुरू की थी. इससे पहले इस मामले में जेल में बंद आरोपी निलंबित IAS समीर विश्नोई, शिवशंकर नाग और सूर्यकांत तिवारी से पूछताछ कर चुकी है. स्पेशल कोर्ट ने 29 मार्च से 2 अप्रैल तक पूछताछ के लिए इजाजत दी थी.
छत्तीसगढ़ में कोयला घोटाले मामले में ED के प्रतिवेदन पर ACB/EOW ने दो पूर्व मंत्रियों, विधायकों सहित 36 लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज की है. वही इस मामले पर ACB की टीम जांच शुरू कर दी है.
ED ने अब तक कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सचिवालय में काम करने वाली अधिकारी सौम्या चौरसिया, IAS समीर विश्नोई समेत 11 लोगों को गिरफ्तार किया है.
222 करोड़ की संपत्ति अटैच की गई है और इस पूरे मामले की जांच जारी है. प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के अलावा इसे प्रदेश का बड़ा आर्थिक अपराध मानते हुए शिकायत प्रदेश की ACB से की थी.
*समझें क्या है कोल और शराब स्कैम?*
ED की टीम छत्तीसगढ़ में कोल और शराब से जुड़े स्कैम मामले की जांच कर रही है. यह करीब ₹2500 करोड़ से ज्यादा है. इसमें कई IAS अफसरों पर शिकंजा कसा जा चुका है. इसके अलावा कई कारोबारी भी जेल में हैं. अब इसमें पूर्व मंत्री भी फंसते दिखाई दे रहे हैं.
*पहले समझें कि क्या है कोल स्कैम*
• ED ने छत्तीसगढ़ में जांच के बाद 540 करोड़ के कोल लेवी स्कैम का खुलासा किया था. इसमें IAS रानू साहू के अलावा IAS समीर विश्नोई, सौम्या चौरसिया, जेडी माइनिंग एसएस नाग और कारोबारी सूर्यकांत तिवारी को गिरफ्तार किया गया.
• इसके अलावा कांग्रेस नेता और कुछ कारोबारी भी ED के जांच के दायरे में रहे. इन लोगों से पूछताछ की गई है और इनके घरों से कुछ दस्तावेजों को भी जब्त किया गया. ED ने पिछले साल 540 करोड़ के अवैध कोल परिवहन का केस दर्ज किया है.
• कोल परिवहन में कोयला एजेंसियों से प्रति टन 25 रुपए कमीशन वसूलने का आरोप है. ये वसूली सिंडीकेट करता था, सिंडिकेट के लोगों के नाम पर ही FIR हुई है.